यह भी पढ़ेंः महाशिवरात्रिः शिवलिंग पर अपनी उम्र की संख्या के चढ़ाएं बिल्व पत्र, फिर जीवन में देखें चमत्कार! यह भी पढ़ेंः मेरठ में एमबीबीएस का पेपर लीक होने के बाद परीक्षाएं रद, जांच शुरू यह भी पढ़ेंः मेरठ डबल मर्डर केस में अब पुलिस से बचता फिर रहा वेस्ट यूपी का यह कुख्यात बदमाश स्क्रूटनी के लिए कमेटी प्रो. वाई विमला ने बताया कि विश्वविद्यालय की विभिन्न परीक्षाओं में चैलेंज स्क्रूटनी के सम्बन्ध में एक कमेटी का गठन किया गया। कमेटी में प्रो. विमला, प्रो. बीर सिंह, प्रो. जयमाला को नामित किया गया। कमेटी इस सम्बन्ध में आगामी 15 दिन में अपनी आख्या प्रस्तुत करेगी। परीक्षा समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि प्रत्येक नियमित शिक्षक को भी कम से कम 120 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करना अनिवार्य होगा। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने की। बैठक में प्रो. एचएस सिंह, प्रो. वाई विमला, प्रो. बीर सिंह, प्रो. जितेन्द्र ढाका, प्रो. जयमाला, परीक्षा नियंत्रक नारायण प्रसाद, कुलसचिव ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव, उपकुलसचिव वीपी कौशल आदि उपस्थित थे।
जांच को कमेटी गठित की एमबीबीएस पेपर लीक मामले में विवि ने एक कमेटी का गठन किया है। जो पेपर लीक होने की जांच कर अपनी रिपोर्ट वीसी को सौंपेगी। लेकिन प्रश्न यह उठता है कि आज तक विवि में पेपर लीक मामले में जांचे तो बहुत हुई हैं, लेकिन उसका निष्कर्ष कुछ नहीं निकला। एमबीबीएस जैसी परीक्षा का पेपर लीक होने से विवि की परीक्षा व्यवस्था पर फिर से सवालिया निशान लग गए हैं। इससे विवि की साख गिरी है। चौधरी चरण सिंह विवि में इससे पहले भी पेपर लीक हो चुके हैं। पेपर लीक मामले में पहले भी जांचे बैठ चुकी है। लेकिन जांच के नाम पर खानापूर्ति हुई। एक्शन कुछ नहीं हुआ।
सभी पेपर लीक हुए सूत्रों की मानें तो विवि के एमबीबीएस के सभी पेपर आउट हुए हैं। अपना पल्ला झाडते हुए विवि प्रशासन ने शासन को जांच को पत्र लिखा है। वहीं पुलिस को भी अपने स्तर से जांच कर रिपोर्ट दर्ज करने की बात कही है।