मेरठ

इस बार बदले पैटर्न पर होगी 10 वीं कक्षा की यूपी बोर्ड परीक्षा, इस तरह से मिलेंगे नंबर

UP Board 10th Exam Pattern Change नई शिक्षा नीति के अनुसार इस बार यूपी बोर्ड के दसवीं के छात्रों को बोर्ड परीक्षा बदले पैटर्न के अनुसार देनी होगी। इसमें लिखित परीक्षा के साथ 30 नंबर का आंतरिक मूल्याकंन अब स्कूल को करना होगा। यानी सीबीएसई पैटर्न अब यूपी बोर्ड में भी लागू हो गया है। मेरठ में इसकी जानकारी डीआईओएस और विषय विशेषज्ञ की टीम के सदस्य ने दी। उन्होंने बताया कि अभी 10 वीं बोर्ड बदले पैटर्न के अनुसार होगी। इसके बाद 11 वीं और 12 वीं बोर्ड परीक्षा इसके अनुसार कराई जाएगी।

मेरठJun 13, 2022 / 04:13 pm

Kamta Tripathi

इस बार बदले पैटर्न पर होगी यूपी बोर्ड की 10 वीं बोर्ड परीक्षा, इस तरह से मिलेंगे नंबर

UP Board 10th Exam Pattern Change माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) में इस मौजूदा सत्र में 10वीं कक्षा की परीक्षा बदले पैटर्न से होगी। जिसमें 100 नंबर के पेपर में 30 अंक आंतरिक मूल्यांकन के होंगे। शेष 70 नंबर में से 30 फीसदी प्रश्न बहुविकल्पीय और 70 फीसदी लघु, अति लघु व दीर्घ उत्तरीय प्रश्न होंगे। परीक्षा में बदलाव के तीन भागों को 30-20-50 में हिसाब से समझा जा सकते हैं। इसमें 30 अंक का आंतरिक मूल्यांकन स्कूल अपने आप स्वयं करेंगे। डीआईओएस मेरठ गिरजेश चौधरी ने बताया कि यूपी बोर्ड ने पिछली साल सत्र 2021-22 शैक्षिक सत्र से नौवीं कक्षा में यह व्यवस्था लागू की थी। वर्ष 2022 में कक्षा नौवीं की वार्षिक परीक्षा अब इसी आधार पर हुई है।
अब यह व्यवस्था 2023 की 10 वीं बोर्ड परीक्षा में लागू की जा रही है। इसके बाद यही पैटर्न 2024 में 11वीं कक्षा में और 2025 में 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में लागू होगा और इसी आधार पर परीक्षा कराई जाएगी। यह बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किया गया है। इससे छात्र-छात्राओं को नौवीं से ओएमआर आधारित प्रतियोगी परीक्षाओं का भी अनुभव होगा। यूपी बोर्ड के विषय विशेषज्ञ टीम के सदस्य और मेरठ केके इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा0 वीर बहादुर सिंह ने बताया कि 10वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल 20 नंबर के बहुविकल्पीय प्रश्न पूरे पाठ्यक्रम से पूछे जाएंगे। छात्र-छात्राओं को थ्योरी पढ़ते समय हर बिंदु को गहनता के साथ समझने की जरूरत होगी। अच्छी तैयारी से ही 20 नंबर लेना आसान होगा।

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उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण 2021 व 2022 की बोर्ड परीक्षाएं 70 फीसदी पाठ्यक्रम से हुई। अब 2023 की बोर्ड परीक्षा पाठ्यक्रम निर्धारित करने के लिए यूपी बोर्ड ने विषय विशेषज्ञों से सुझाव मांगे हैं कि पाठ्यक्रम पूरे 100 फीसदी रखें या कम किया जाए। सुझाव मांगने का कारण सत्र का देर से शुरू होना है। इस वर्ष 12 अप्रैल तक बोर्ड परीक्षाएं संचालित हुई थीं। उसके बाद मूल्यांकन हुआ। इसके चलते अप्रैल में सत्र शुरू नहीं हो सका है। अब इस समय गर्मी की छुटटी पड़ी हुई हैं।
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