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पत्रकार को गिरफ्तार करने पहुंची नोएडा पुलिस की जांच मेरठ के एसएसपी करेंगे शहर में 20 दिसंबर को हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए राजनैतिक दलों में होड़ मची हुई है। पहले प्रियंका गांधी उसके बाद सुभासिनी अली और अब सपा ने पीडितों के दर पर दस्तक दी है। सपा प्रतिनिधिमंडल ने पहले महागनर विधायक रफीक अंसारी के यहां पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। यहां पर सपा ने भाजपा पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया। राम गोंविद चौधरी ने कहा कि भाजपा सीएए के बहाने देश और प्रदेश में लोगों को बांटने का काम कर रही है। देश में इस समय भाजपा के प्रति नफरत का माहौल है। प्रशासन और पुलिस एक विशेष वर्ग को प्रताडि़त करने का काम कर रहा है।
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CAA के विरोध में मेरठ में हुई हिंसा पर पुलिस ने बनाई डॉक्यूमेंट्री, देखें वीडियो इस दौरान राम गोविंद चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पुलिस ने सीधे गोली चलाई। ये बवाल भाजपा करा रही है। लोगों को शांतिपूर्वक आंदोलन नहीं करने दिया जा रहा है। इसके बाद यह दल रशीदनगर, अहमदनगर, गुलजार-ए-इब्राहिम, भूमिया का पुल और अहमदनगर गली नंबर नौ और ताला फैक्ट्री में जाकर हिंसा में मारे गए मृतकों के परिजनों से मिला। सपा नेता राम गोंविद चौधरी ने मारे गए सभी मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख के चेक देने की घोषणा की।
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Meerut: यूपी में दो आतंकियों के घुसने की सूचना पर वेस्ट यूपी में भी अलर्ट इसके बाद सपा प्रतिनिधिमंडल सपा नेता आदिल चौधरी के आवास पर पहुंचा। वहां पर हिंसा में मारे गए पांचों युवकों के परिजनों को बुलाकर पांच-पांच लाख रुपये के चेक बांटे गए। जहां पर मृतक आसिफ के पिता को पांच लाख का और अलीम की मां और पत्नी को 2.5-2.5 लाख के चेक सौंपा। उन्होंने घोषणा की अगर प्रदेश में सपा की सरकार आई तो हिंसा में मारे गए परिजनों को पेंशन दी जाएगी। हिंसा में मारे गए युवकों को सपा ने शहीद का दर्जा देते हुए आरोप लगाया कि भाजपा, आरएसएस और पुलिस आंदोलन खराब करने के लिए बवाल कर रही है।