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उन्होंने बताया कि जिनकी दूरी मानक से अधिक है उन सभी स्कूलों की जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही क्षमता से अधिक बच्चों के लिए परीक्षा केंद्र बनाने की खबरों पर उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए बैठने की व्यवस्था ही ठीक नहीं होगी तो वे परीक्षा कैसे दे पाएंगे। एक परीक्षा कक्ष में मानक के अनुसार तीस बच्चों के बैठने की व्यवस्था होती है। सभी सेंटर के परीक्षा कक्ष को बोर्ड के मानक के अनुरूप ही छात्र बैठने की अनुमति दी जाएगी।
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गौरतलब है कि मेरठ में बोर्ड परीक्षा 2017-18 में परीक्षा निर्धारण केंद्रों में यूपी बोर्ड ने अपने ही नियमों को ताक पर रख दिया है और मानकों के विपरीत किसी भी स्कूल का परीक्षा केंद्र तीस किमी दूर तक बना दिए गए थे। जबकि, नियम है कि किसी भी परीक्षा केंद्र को आठ किमी से दूर नहीं बनाया जाना चाहिए। छात्राओं को सेल्फ सेंटर अलॉट किया जाना चाहिए। परीक्षा केंद्र दूर बनाए जाने को लेकर अभी तक जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यायल में करीब 80 आपत्तिं आ चुकी हैं।