यह भी पढ़ेंः राजनाथ सिंह ने कहा- 2019 चुनाव की जीत का हाइवे उत्तर प्रदेश से होकर ही जाता है, इसलिए तैयार रहिए यह भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2019 लोक सभा चुनाव के लिए लिया यह संकल्प, कही यह बड़ी बात यहां डरे हुए दलित, कर रहे पलायन सरधना क्षेत्र के गांव में हुई जातीय हिंसा के चौथे भी गांव में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है, हालांकि गांव में शांति की बहाली के लिए अधिकारी प्रयासरत हैं और क्षेत्र के जिम्मेदार लोगों को इसकी जिम्मेदारी दी हुई है। गांव में शांति बहाली के लिए गणमान्य लोगों को लगाया है, ताकि दलित समाज के लोगों को भय के वातावरण से बाहर निकालकर आपसी भाई चारे को मजबूत बनाया जाए। फिर से माहौल न बिगड़े इसके लिए भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। हालांकि गड़बड़ी की आशंका के चलते कुछ दलित परिवार गांव से पलायन कर गए हैं। इसे रोकने के भी प्रयास किया जा रहे हैं। दलित समाज के कुछ लोगों की मानें तो राजपूत समाज उन पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।
यह भी पढ़ेंः बड़ी खबरः बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश के बाद राजपूत समाज के लोगों ने दलित बस्ती पर हमला बोला, आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल, घरों में तोड़फोड़ गुरुवार को हुआ था संघर्ष बता दें कि बीते गुरुवार की देर शाम गांव के एक दलित युवक ने राजपूत समाज की चार साल की बच्ची को अपनी हवश का शिकार बना लिया था। घटना से आक्रोशित राजपूत समाज के लोगों ने दलित बस्ती पर हमला करके उनके घरों में तोड़फोड़ करते हुए मारपीट कर दी थी। राजपूत समाज के लोगों ने अगले दिन भी दलित समाज के लोगों के साथ मारपीट की थी, जिसके चलते दलित समाज के लोग दहशत में आ गाए थे। दुष्कर्म और मारपीट की घटना के बाद गांव में फैले तनाव को देखते हुए वहां कई थानों की पुलिस के साथ पीएससी व सीआरपी के जवानों को भी तैनात किया गया।
भार्इचारा मजबूत करा रहे अफसर शनिवार को पुलिस प्रशासन के आलाधिकारियों ने मेरठ से ही हर पल की जानकारी लेते हुए मामले पर नजर बनाए रखी। इसके अलावा इलाके के कुछ जिम्मेदार लोगों को भी गांव में भाईचारा मजबूत बनाने के लिए लगाया है, जो दोनों पक्ष के लोगों से बात कर समझौते का प्रयास कर रहे है। हालांकि दहशत के चलते दलित समाज के कई परिवार गांव से पलायन कर गए है। जबकि एसएसपी राजेश कुमार पांडे कह रहे हैं कि गांव से पलायन की कोर्इ सूचना नहीं है। पलायन की बातें भ्रामक हैं। गांव में शांति हैै।