यह भी पढ़ेंः विवेक तिवारी हत्याकांड: हत्यारोपी सिपाही प्रशांत चौधरी के ससुर ने अपने दामाद के लिए बोल दी इतनी बड़ी बात, कहा- अब तो तभी लौटूंगा पुलिस विभाग के 60 फीसदी केस उत्तर प्रदेश एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने कहा कि आयोग में करीब 60 फीसदी केस पुलिस विभाग, करीब 30 फीसदी केस राजस्व आैर करीब 10 फीसदी केस नौकरी से संबंधित आ रहे हैं। पुलिस विभाग की शिकायतें अधिकतर मुकदमा दर्ज नहीं करने किए जाने की होती हैं। उन्होंने बताया कि आयोग एेसे मामलों में अपने स्तर से जांच कराता है आैर जांच में आरोप की पुष्टि होने पर इन मामलों में मुकदमे दर्ज कराए जाते हैं। उन्होंने कहा कि पांच महीने के उनके कार्यकाल में 2422 शिकायतें आयोग को प्राप्त हुर्इ। इनमें से 1900 का निस्तारण किया गया है। इसमें 500 शिकायतों के गुण-दोष के आधार जांच की जा रही है।
यह भी पढ़ेंः योगी सरकार के पुलिस मुखिया ने चार महीने बाद ही पलट दिया अपना आदेश, अब प्रदेश में होगी ये नर्इ व्यवस्था 10 फीसदी केस फंसाने वाले आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने कहा कि इनमें दस फीसदी केस एेसे हैं, जो दूसरे व्यक्ति को फंसाने वाले थे। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी एक्ट को लेकर लोगों में गलतफहमियां हैं। उन्होंने कहा कि लोग ये गलतफहमियां दूर करें। उन्होंने कहा कि किसी पर एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज करने का मतलब यह नहीं है कि दोष सिद्ध हो गया। उसकी गिरफ्तारी तभी होगी जब जांच में दोष साबित हो जाएगा।