मानसून जाने से पहले की बारिश बनी आफत पश्चिमी यूपी में मानसून (Monsoon 2021) जाने से पहले हो रही बारिश आफत बन गई है। अभी तक सितंबर में जमकर बारिश हुई है। इस बारिश में जहां लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर बारिश के कारण ही जानमाल की भी हानि हो रही है। हालांकि बारिश से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं, लेकिन जिस तरह से मकान गिरने और करंट से लोगों की जानें गईं, उससे कई परिवारों को बहुत नुकसान हुआ है। मेरठ में अभी तक 153.7 मिमी के आसपास बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से ज्यादा है। बारिश का सिलसिला अभी थमा नहीं है और शुक्रवार और शनिवार को भी अच्छी बारिश की संभावना जताई जा रही है। मेरठ के अलावा गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, नोएडा, बागपत आदि जिलों में भी बारिश सामान्य से काफी अधिक हुई है। वहीं पश्चिमी यूपी के कई शहरों में अभी भी बारिश होने का अनुमान है। आगामी 48 घंटे का मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। यह बारिश का दौर मानसून के जाने से पहले और भी अच्छा हो सकता है।
यह भी पढ़ें- यूपी में बारिश से तबाही 35 की मौत, दो दिन और भारी बारिश का अलर्ट टूटा 10 साल का रिकॉर्ड कृषि अनुसंधान संस्थान के मौसम वैज्ञानिक डाॅ. एन सुभाष ने बताया कि सितंबर माह में करीब दस साल पहले ऐसी बारिश हुई थी। अभी तक हुई बारिश ने पिछले दस साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सितंबर में बारिश लगातार अभी भी जारी है।
62 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के 62 जिलों में अगले 48 घंटे भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मंडल आयुक्तों और जिलाधिकारियों को भारी बारिश के मद्देनजर राहत कार्य के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही प्रशासन ने कई जिलों में लोगों से सावधानी बरतने और बेवजह घर से बाहर नहीं निकलने की चेतावनी दी है।
किसानों और फसलों को हो रहा नुकसान बारिश के साथ चल रही तेज हवाएं अब फसल को नुकसान पहुंचा रही है। इस समय धान की फसल खेत में खड़ी है और तेज हवा चलने के कारण फसल को नुकसान हो रहा है। धान के अलावा अन्य फसल भी गिर रही हैं। बारिश ज्यादा होने के कारण सब्जियों पर भी इसका साफ असर दिखाई दे रहा है। लंबी बेल वाली सब्जियां ज्यादा प्रभावित हो रही हैं। बारिश किसानों के लिए इस समय आफत बनी हुई है।