पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के अलावा जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह और अन्य सपा पदाधिकारी भी प्रदर्शकारियों के साथ थे। जिले में मेरठ, मवाना व सरधना तहसीलों पर भी कृषि बिल के विरोध में धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल को भेजा गया। धरने व प्रदर्शन का यह कार्यक्रम सुबह 10:30 से लेकर करीब 2 घंटे तक चला। इस कारण मेरठ समेत तीनों तहसीलों पर बड़े पैमाने पर पुलिस बल तैनात रहा। मेरठ तहसील पर भी सपाइयों के पहुंचने से पूर्व ही भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार की गलत नीतियों ने कारण युवा बेरोजगार हो चुका है। केंद्र सरकार द्वारा कृषि बिल लागू कर रही है। यह बिल किसानों की विरुद्ध बनाया गया है। क्योंकि इस बिल से किसान बेहाल हो जाएगा एवं उसे अपनी फसल का वाजिब दाम भी नहीं मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है जिसने योगी सरकार रोकने में नाकाम हो रही है।
सपाइयों ने प्रदर्शन में कहा कि प्रदेश में लगातार अपराध बढ़ रहा है। जिसे रोकने में प्रदेश सरकार पूरी तरह से विफल हो चुकी है। रोजाना लूट, हत्या व अपनी जैसी वारदातें सामने आ रही हैं। सपा जिलाध्यक्ष राजपाल चौधरी ने मोदी सरकार पर जमकर भड़ास निकाली।
उन्होंने कहा कि इन कृषि बिलों को लाकर सरकार किसानों को ठगने का काम किया है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह व चौधरी छोटूराम ने किसानों को साहूकारों के चंगुल से संघर्ष कर निकालने का काम किया, लेकिन अब सरकार जानबूझकर किसानों को फिर से कंपनियों का गुलाम बनाने का काम कर रही है। कृषि उत्पादन मंडी समाप्त कर किसानों की फसलों को औने पौने दामों पर बिकने के लिए छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोनो के कहर के बीच भाजपा सरकार आम आदमी, किसान मजदूरों की रीढ़ तोड़ने का काम कर रही है। सपा इसका पुरजोर तरीके से विरोध करेगी। वहीं रालोद और भाकियू के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी धरने पर जमे हुए थे।