यह भी पढ़ेंः पत्नी से दहेज में मांग ली बहन के लिए किडनी, उसने मना किया तो पति ने उठाया यह खौफनाक कदम युवती के साथ रहने की जिद पर अड़ी उसकी सहेली, उसके परिजनों को दे दी यह धमकी 50 मिनट रुकी रही उत्कल एक्सप्रेस कैंट स्टेशन अधीक्षक आरपी सिंह ने बताया कि अब ट्रेनों में ब्रेक शू रबड़ के लग रहे है, लेकिन पहले यह लोहे के आते थे। इसलिए व्हील पर रगड़ने से हीट होने पर इनमें धुआं निकल जाता है। उन्होंने बताया कि दोनों कोच को रिलीज कराकर ट्रेन को सिटी स्टेशन रवाना कर दिया गया था। जहां कोच केयर स्टाफ ने इसकी गहनता के साथ जांच की। सिटी और कैंट स्टेशन के बीच उत्कल 50 मिनट खड़ी रही। सिटी स्टेशन पर रोककर ट्रेन के सभी कोच की जांच की। कैंट स्टेशन पर जम्मू से आ रही शालीमार एक्सप्रेस को पास कराया गया।
यह भी पढ़ेंः मेरठ में पहली बार देखा गया एेसा जानवर, लोगों में मचा हड़कंप देवबंद से ही थी शिकायत कोच केयर अधिकारियों के मुताबिक ट्रेन के ब्रेक बाइंडिंग सिस्टम में देवबंद से ही शिकायत थी, लेकिन लोको पायलट ने इसे सही से चेक नहीं किया। कोच केयर विभाग से जुड़े अशोक शर्मा ने बताया कि हमने सिटी स्टेशन पर ट्रेन को रोककर यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से इसका बारीकी से निरीक्षण किया।
पिछले साल 19 अगस्त को हुई थी दुर्घटनाग्रस्त बता दे 19 अगस्त 2017 को खतौली स्टेशन के पास उत्कल एक्सप्रेस डी रेल हो गई थी। जिसमे 23 लोगों की मौत हो गर्इ थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसमें भी जांच के बाद रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई थी।