उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार वाल्मीकि समाज का शोषण कर रही है। भाजपा सरकार ने सफाई व्यवस्था को ठेकेदारों के हाथों में देकर वाल्मीकियों का उत्पीड़न किया है। इससे न केवल सफाई कर्मी परेशान हैं, बल्कि उनके परिवार भी मुफलिसी की कगार पर आ गए हैं। उन्होंने बताया कि आज ठेकेदारी प्रथा के कारण कई-कई महीने का वेतन सफाई कर्मियों को नहीं मिलता है, लेकिन फिर भी वे सफाई के कामों में जुटे रहते हैं। इतना ही नहीं ठेकेदार सफाई के काम के अलावा अन्य काम भी सफाई कर्मियों से लेते हैं। वहीं, कई बार सीवर की सफाई के लिए उतरे सफाईकर्मियों की हालत बिगड़ गई, लेकिन ठेकेदार का कोई आदमी इलाज के लिए अस्पताल नहीं आया।
उन्होंने बताया कि अब समय आ गया है कि भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ वाल्मीकि समाज खुद सड़क पर उतरकर अपनी लड़ाई लडे़गा। इसी के लिए 15 दिसंबर को पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश से हजारों की संख्या में सफाई कर्मी इस सम्मेलन में भाग लेने आ रहे हैं। सम्मेलन में आगे की रणनीति तय की जाएगी, जिसमें भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंका जाएगा।