यह भी पढ़ें- रेलवे के इतिहास में आज का दिन खास, शुरू हुई पहली प्राइवेट ट्रेन, जानिये किराया और पूरा शेड्यूल बता दें कि दिल्ली रोड से नूर नगर को जाने वाली रोड पर एक मुगलकालीन श्मशान घाट है, जिसकी भूमि पर कब्जे का आरोप है। बीएसफोर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश चंद्र गेरा ने शुक्रवार को डीएम आवास पर प्रदर्शन करते हुए बताया कि हमारी श्मशान की भूमि पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। ऐसे ही कब्जे की कोशिश उस समय भी की गई थी जब प्रदेश में कल्याण सिंह की सरकार थी। उस दौरान श्मशान की जमीन पर स्कूल बनाने की बात की गई थी, जिसका वाल्मीकि समाज ने जमकर विरोध किया था। कल्याण सिंह के पुतले फूंके गए थे। कल्याण सिंह को मेरठ आना था, लेकिन वाल्मीकि समाज के विरोध के चलते वे मेरठ नहीं आ सके थे। उस समय डीएम संजय अग्रवाल थे। उन्होंने पूरा मामला अपने संज्ञान में लिया और जमीन को श्मशान घाट की पाया था। आज फिर से उसी जमीन पर कब्जे की कोशिश की जा रही है।
नगर निगम उस जमीन के चारों ओर बाउंड्री बना रहा है, जिसका वाल्मीकि समाज विरोध कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसके विरोध में अब वाल्मीकि समाज एक बड़ी पंचायत करेगा। पंचायत में वाल्मीकि समाज आंदोलन की रणनीति तय करेगा, जो भाजपा सरकार के खिलाफ होगी। उन्होंने कहा कि जब भी प्रदेश में भाजपा की सरकार होती है। ऐसा तभी होता है। पहले भी भाजपा की सरकार में इस श्मशान घाट पर कब्जे की कोशिश की गई थी। अब भी इस समय भाजपा की सरकार है और फिर से श्मशान घाट पर कब्जे की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस श्मशान घाट के लिए वाल्मीकि समाज अपना सिर कटा सकता है, लेकिन इन पर कब्जा नहीं होने दे सकता। उन्होंने कहा कि इसके लिए चाहे योगी आदित्यनाथ भी आ जाएं। उनको भी नहीं बख्शा जाएगा। भाजपा सरकार वाल्मीकि समाज की विरोधी है।