अब तक मेरठ में 560 मिमी बारिश का अनुमान जताया गया था। लेकिन अनुमान के मुताबिक मानसून ने निराश ही किया है। मेरठ में मानसून लगातार निराश ही करता रहा है। मेरठ में 39 प्रतिशत कम बारिश हुई है। गाजियाबाद में 59 प्रतिशत और बुलंदशहर में 55 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
पश्चिम उप्र के जिलों में बारिश का हाल बात पश्चिम उप्र के प्रमुख जिलों की करें तो सरदार वल्लभभाई पंत कृषि विवि से मिले आंकड़ों के मुताबिक मेरठ में 39 प्रतिशत कम बारिश,गाजियाबाद में 59, बागपत 36,बिजनौर 10, सहारनपुर 6,बुलंदशहर में 55,नोएडा में 85 और मुजफ्फरनगर में 8 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इन जिलों में बारिश कम होने से जहां खेतों में खड़ी फसल को नुकसान हुआ है।
वहीं लोगों को भी गर्मी और उमस का प्रकोप झेलना पड़ा है। मौसम विभाग के मुताबिक अभी सितंबर में हालांकि बारिश के आसार तो बने हैं। लेकिन जिस बारिश की उम्मीद वर्षा ऋतु में की जा रही थी वह अब नहीं है। पिछले 30 साल में जून, जुलाई और अगस्त में बारिश का ट्रेंड कम हो रहा है। जबकि सितंबर में बारिश अधिक हो रही है। लेकिन इस बार नहीं लगता कि मौसम अपना यह ट्रेंड बरकरार रखेगा।