मेरठ। बीते महीने जुलाई के दौरान औसत से करीब 40 फीसदी कम बारिश हुई थी। जबकि चालू महीने अगस्त में बारिश ने 44 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अगस्त में अब तक औसत से 45 फीसदी कम बारिश हुई है। जोकि महीने के दौरान 1976 के बाद सबसे कम बारिश रिकॉर्ड है। हालांकि मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले महीने सितंबर में मानसून की रफ्तार मंद पड़ सकती है।
मानसून के संबंध में अब तक का पूर्वानुमान सही साबित नहीं हुआ है। मेरठ में मानसून का वितरण बहुत खराब और समान नहीं रहा। अगस्त महीने खत्म होने को है और बारिश की जैसी उम्मीद की जा रही थी वह नहीं हो पाई है। अगले महीने सितंबर में मानसून की रफ्तार धीरे-धीरे कमजोर पड़ेगी।
अब मानसून का रुख उत्तर-पश्चिम भारत की तरफ है जबकि दक्षिण भारत में अगामी सप्ताहों के दौरान भारी बारिश से राहत मिल सकती है। मेरठ में 25अगस्त के बाद बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया था जो सही साबित हुआ और शुक्रवार को भी बारिश हुई है। जबकि सितंबर महीने में अपेक्षाकृत बारिश की उम्मीद काफी कम है। बारिश का वितरण समान नहीं होने से खरीफ सीजन की फसलों की पैदावार पर भी इसका असर पड़ेगा। बात पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की करें तो अब तक औसत से 25 फीसदी कम बारिश हुई है। जो कि काफी कम है।