खतरे के निशान की ओर बढ़ रही गंगा, शवदाह स्थल जलमग्न, नौका संचालन बंद
ज्योतिष के मुताबिक इस बार श्रावण मास के दूसरे सोमवार ( Savan Second Monday ) को नवमी तिथि होने के चलते सोमवार का महत्व और भी बढ़ गया है। आज ही के दिन कृत्तिका नक्षत्र भी लग रहा है। चंद्रमा वृषभ राशि में गोचर करेगा, जहां पर राहु पहले से ही विराजमान है। राहु और चंद्रमा से इस दिन ग्रहण योग का निर्माण हो रहा है जिससे इस सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी। शिवभक्तों ने आज सुबह-सुबह उठकर स्नान इत्यादी कर व्रत करने का संकल्प लिया। भगवान शिव पर गंगाजल से अभिषक किया। इसके साथ माता पार्वती और नंदी जी की भी पूजा की गई। कुछ शिवभक्तों ने भोलेनाथ पर पंचामृत से अभिषेक किया। बेलपत्र, भांग, धतूरा, चंदन, अक्षत चढ़ाया। इसके बाद शिवाष्टक या शिव चालीसा का पाठ किया।शिवमंदिरों के बाहर बेलपत्र और फूल बेचने वालों की चांदी रही। लोगों ने शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए बेलपत्र और फूल खरीदे। वहीं बेल और धतूरा की भी खूब बिक्री हुई। लोगों ने पांच रुपये में पांच बेलपत्र खरीदे और बेल भी आज काफी बढ़े दामों में मिला। शिव पर चढ़ाने के लिए कच्चा बेल 11 रुपये से लेकर 21 रुपये तक में मिला।
सावन के दूसरे सोमवार को छावनी स्थित काली पल्टन मंदिर में शिवभक्तों की कतारें लगी रही। मंदिर समिति ने सुबह पांच बजे ही मंदिर के कपाट खोल दिए थे लेकिन पट खुलने के पहले से ही लोगों की भीड़ मंदिर के बाहर एकत्र हो गई थी। मंदिर के कपाट खुलते ही लोग शिव के दर्शन के लिए लाइन में लगे और पारंपरागत तरीके से शिव की पूजा-अर्चना की।