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World animal day आवारा-बीमार पशुओं के लिए मसीहा से कम नहीं मेरठ की ये महिला

locationमेरठPublished: Oct 03, 2020 12:38:18 pm

Submitted by:

shivmani tyagi

मेरठ में आवारा जानवरों की मसीहा हैं कल्पना
जिन जानवरों को लोग छूना भी पसंद नहीं करते उनकी करती हैं सेवा
घायल और बीमार जानवरों का सड़क और घर पर करती हैं इलाज

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मेरठ ( Meerut ) मेरठ की कल्पना सैकडों जानवरों का उपचार कर चुकी हैं। प्रेम और दया भाव ने उन्हे पशुओं के करीब ला दिया। लाेग अपने घरों में पशुओं काे पालते हैं लेकिन कल्पना पांडेय का लगाव सड़कों और गलियों में घायल बीमार और ठण्ड से परेशान पशुओं से है। वह उन्हे घर में पनाह देती हैं उनका इलाज करती हैं।
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4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस ( World Animal Day ) के रूप में मनाया जा रहा है। इस माैके पर हम आपकी हम आपकी मुलाकात मेरठ की कल्पना पांड्ये से करा रहे हैं। उनके अनोखे पशु प्रेम को देखकर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है। कल्पना के घर के आसपास का नजारा भी किसी पशुओं के अस्पताल से कम नहीं लगता। उन्हाेंने आवारा बीमार जानवरों के लिए कई पिंजरे बनवा रखे हैं। घर में सिर्फ बिल्ली, कुत्ता, खरगोश, बंदर जैसे जानवर नजर आते हैं। खास बात है कि कल्पना के घर में मौजूद कोई भी जानवर पालतू नहीं है। सभी वक्त-हालात और इंसानों के मारे हैं। इनमें से कोई किसी गाड़ी से टकराकर घायल हुआ तो कोई बीमार है। किसी को इंफेक्शन है, तो कोई कमजोरी का शिकार है।
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सड़क पर घूमते आवारा पशुओं और गोवंश का इलाज भी वे करती हैं। उन्हें पट्टी बांधना, उनके घाव पर मरहम लगाना और बीमार गोवंश को पूरी तरह से दवाई दिलवाकर सहीं करना उनकी दिनचर्या में शामिल है। कल्पना सभी जानवरों का इलाज करती हैं। जिन जानवरों को हममें से कई लोग छूना या देखना भी पसंद नहीं करते ऐसे जानवरों का इलाज कल्पना बड़े धैर्य से करती हैं। उनके घावों को धोना और उसमें दवाई लगाकर पट्टी करना वो भी तब तक जब तक कि वह जानवर पूरी तरह से ठीक नहीं हाे जाता।
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कल्पना बताती हैं कि वे करीब 20 साल से यह काम कर रही हैं। अब तक हजारों आवारा पशुओं का इलाज कर चुकी हैं। कल्पना ने अपने मोबाइल नंबर को बकायदा बीमार और असहाय जानवरों के लिए हेल्पलाइन नंबर बना दिया है। लोगों को जहां भी बीमार और असहाय जानवर दिखाई देते हैं वे कल्पना को फोन करते हैं। कल्पना अपनी टीम के साथ वहां पर पहुंचकर उनका इलाज करती हैं। यदि किसी को, कहीं सड़कों पर ऐसे घायल, बीमार जानवर मिलते हैं, जिन्हें इलाज की जरूरत है, तो तुरंत इन्हें सूचना मिल जाती है।
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