पंडित भारत ज्ञान भूषण ने बताया कि इसी के साथ शाम के समय शैलपुत्री की आरती और इनके बीज मंत्र ‘ऊँ शैलपुत्र्यै नमः’ का जाप सर्वोत्तम रहता है। उन्होंने बताया नवरात्र में दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा प्रत्येक नौ दिन की जाती है। इन सभी स्वरूपों का अपना अलग—अलग महत्व होता है। इसी कारण से पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
यह भी पढ़े : Special Cauliflower : इस फूलगोभी की खासियत जान हो जाएंगे हैरान, हर घर इसके स्वाद का मुरीद चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन ही हिंदू नवसंवत्सर 2079 की शुरूआत भी हो रही है। यह हिंदूओं का नया वर्ष के पहला दिन कहा जाता है। यानी इस दिन से हिंदू नववर्ष की शुरूआत होती है। नवरात्र में शैलपुत्री की पूजा का बहुत महत्व बताया गया है। जो लोग पूरे नौ दिन देवी के व्रत नहीं कर सकते वो इस दिन व्रत कर पूरे नौ दिन का पुण्य ले सकते हैं।