शस्त्र और कारतूसों का भौतिक सत्यापन प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने सभी व्यक्तिगत शस्त्र लइासेंस धारकों के शस्त्रों और उनके द्वारा खरीदे गए व इस्तेमाल किए गए कारतूसों का भौतिक सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। इस बड़े अभियान में पुलिस और प्रशासन के अफसर और कर्मचारी शामिल रहेंगे। पहला चरण 20 सितंबर से शुरू होगा और 31 दिसंबर तक सभी शस्त्र लाइसेंस धारकों की रिपोर्ट तैयार होगी। शासन ने ये आदेश प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को दिए हैं। इसमें कहा गया है कि वे अपने यहां 20 अक्टूबर तक अभियान चलाकर एडीएम सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट और अपने यहां (डीएम आफिस) रखी फाइलों और एनडीएएल पोर्टल पर दर्ज शस्त्र के यूआईएन के अुनसार मिलान करके यह देखें कि वैध पत्रावालियों, हस्ताक्षर और स्वीकृति के बगैर कोई शस्त्र लाइसेंस तो निर्गत नहीं किया गया है।
पुलिस चलाएगी अलग अभियान शासन के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी एसएसपी 21 अक्टूबर से 21 नवंबर तक जिले के सभी थानाप्रभारियों के जरिए थानों में रखे गए रजिस्टरों का मिलान डीएम कार्यालय के शस्त्र अनुभाग के रजिस्टरों के अनुसार कराएंगे। इसके बाद 25 नवंबर से 31 दिसंबर तक जिले की पुलिस लाइन में सिटी मजिस्ट्रेट, एएसपी, सीओ, प्रतिसार निरीक्षक की देखरेख में एक और अभियान चलेगा, जिसमें चेकलिस्ट के अनुसार लाइसेंस धारकों के शस्त्र लाइसेंस, शस्त्र व कारतूसों का भौतिक सत्यापन थानेवार व दिवसवार रोस्टर के रूप में होगा। यह सत्यापन थानाप्रभारियों के माध्यम से कराया जाएगा।
दुरुपयोग पर होगी कार्रवाई शासन के आदेशानुसार भौतिक सत्यापन की पूरी रिपोर्ट डीएम को प्रस्तुत की जाएगी। कोई भी लाइसेंसधारी अपने लाइसेंसी शस्त्र का उपयोग अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा के अतिरिक्त किसी अन्य उद्देश्य से दुरुपयोग करता करता पाया जाएगा तो उसके खिलाफ लाइसेंस की शर्तों के उल्लघन के आरोप में आयुध अधिनियम के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जाएगी।