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मुन्ना बजरंगी हत्याकांड का खुलासा करने के लिए योगी सरकार ला रही ये नई मशीन

locationमेरठPublished: Sep 23, 2018 02:18:33 pm

Submitted by:

sanjay sharma

सरकार आैर पुलिस के लिए पहेली बना हुआ बागपत जेल का यह हत्याकांड
 

meerut

मुन्ना बजरंगी हत्याकांड का खुलासा करने के लिए योगी सरकार ला रही ये नई मशीन

केपी त्रिपाठी, मेरठ। पूर्वांचल के कुख्यात माफिया डाॅन मुन्ना बजरंगी की हत्या पुलिस और सरकार के लिए पहेली बनी हुई है। मुन्ना के परिजनों द्वारा भी हत्या का राज न खुलने पर रोष प्रकट किया जा रहा है। वहीं बागपत जेल में हुई कुख्यात की हत्या पुलिस के लिए सरदर्द बनी हुई है। हालांकि हत्यारोपी सुनील ने हत्या का जुर्म कबूल कर लिया है, लेकिन पुलिस के गले उसकी बताई गई थ्योरी नहीं उतर रही है। वहीं दूसरी ओर जिस पिस्टल से हत्या करना बताया जा रहा था, फाॅरेंसिक जांच में उस पिस्टल से गोली चलने की बात नकारी जा रही है। उस पिस्टल में बारूद लगा ही नहीं। जिसको लेकर कुख्यात की हत्या का मामला और पेचीदा हो गया है। फाॅरेंसिक जांच रिपोर्ट के बाद सवाल उठने लगे हैं कि आखिर जिस पिस्टल से गोली चलाई गई वह पिस्टल गई कहां। जबकि जेल में पुलिस अधिकारियों को सर्च के दौरान हत्यारोपी सुनील राठी ने एक ही पिस्टल बरामद करवाई थी, जो पिस्टल बरामद दिखाई है फारेंसिक रिपोर्ट में उस पिस्टल से गोली चली ही नहीं।
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जेल की चाहरदीवारी के भीतर दफन हत्या का राज

पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के कातिल हथियार अभी भी बागपत जेल की जमीन में दफन हैं। सूत्रों का कहना है कि फाॅरेंसिक लैब की रिपोर्ट से हत्यारोपी सुनील राठी और पुलिस दोनों की ही मुसीबतें बढ़ गई है। शासन ने अब बागपत जेल की जांच अब डीप मेटल डिटेक्टर से करवाने का फैसला लिया है। इसके लिए एडीजी मेरठ प्रशांत कुमार को निर्देश दिए गए हैं। पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजंरगी की हत्या के मामले में बागपत जेल पुलिस पहले से ही संदेश के घेरे में चल रही है। अब पिस्टल की फाॅरेंसिक रिपोर्ट ने उसकी मुसीबतों को और बढ़ा दिया है। सूत्रों के अनुसार लैब की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि बजरंगी की हत्या में बरामद पिस्टल का प्रयोग ही नहीं हुआ। सुनील राठी ने मुन्ना बजरंगी की हत्या का अपराध कबूल करने के बाद जेल के गटर से एक पिस्टल और 22 कारतूस बरामद करवाए थे। पुलिस और जेल प्रशासन ये मानने लगा था कि हत्या इसी बरामद पिस्टल से हुई थी, लेकिन फाॅरेंसिंक रिपोर्ट ने पुलिस और सुनील राठी की पूरी थ्योरी ही बदल दी। इसी कारण अब बागपत जेल की जांच डीप मेटल डिटेक्टर से करवाने का फैसला लिया गया है।
बोले अधिकारी

एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि इसके लिए तैयारी चल रही है। जल्द ही डीप मेटल डिटेक्टर मशीन को जेल के भीतर ले जाकर तलाशी की जाएगी।

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