वहीं 65 बच्चे ऐसे हैं जो कि बिल्कुल अनाथ हो चुके हैं। यानी संक्रमण उनके माता और पिता दोनों को लील चुका है। ऐसे बच्चों की सूची तैयार कर बजट के लिए शासन को भेज दी गई है। अगले कुछ दिनों में बजट प्राप्त होते ही पैसा पात्र बच्चों के खातों में भेज दिया जाएगा। इसके अलावा सामने आ रहे अन्य बच्चों का घर-घर जाकर सत्यापन किया जा रहा है। दरअसल, कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने तमाम बच्चों को बेसहारा करने के साथ बड़ी संख्या में अनाथ भी कर दिया है। ऐसे बच्चों के जीवन को बर्बाद होने से बचाने के लिए केंद्र के साथ प्रदेश सरकार ने भी मदद की बड़ी पहल की है।
मंडल के सभी जनपदों में ऐसे बच्चों को तलाश किया गया और उनका सत्यापन कराने के बाद मदद देने के लिए आवेदन पत्र देने के लिए कहा गया। लगातार बढ़ती संख्या को देखकर अधिकारियों ने पात्र बच्चों के आवेदन प्राप्त कराना शुरू किया। हालांकि अभी नोएडा और गाजियाबाद के बच्चों की सूची देरी से प्राप्त हुई जिसके चलते शासन को सूची भेजने में कुछ देरी हुई। मदद प्राप्त करने के लिए पात्र बच्चों को सात तरह के प्रमाण पत्र और 21 सवालों का जवाब आवेदन फार्म में देना है। जिला स्तरीय टास्क फोर्स ने पीडि़त बच्चों की मदद की और तेजी से प्रमाण पत्र जारी करा रही है। इसके अलावा आवेदन फार्म की गलतियों को भी ठीक कराया गया है।
मंडल की स्थिति जिला बेसहारा अनाथ मेरठ 94 08 गाजियाबाद 109 24 गौतमबुद्धनगर 77 07 बुलंदशहर 29 10 हापुड़ 58 10 बागपत 42 06 कुल 409 65