scriptरैली में पीएम मोदी को सुनने नहीं आये लोग, खाली रह गई सैकड़ों कुर्सियां, भाजपा नेताओं में बढ़ी बेचैनी | A huge reduction of the crowd in PM Modi Mirzapur rally | Patrika News

रैली में पीएम मोदी को सुनने नहीं आये लोग, खाली रह गई सैकड़ों कुर्सियां, भाजपा नेताओं में बढ़ी बेचैनी

locationमिर्जापुरPublished: Jul 15, 2018 08:19:03 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

2014 के चुनाव में इसी मैदान पर मोदी की रैली में पहुंची थी लाखों की भीड़, अब स्थानीय संगठन पर उठ रहे कई सवाल

up news

रैली में पीएम मोदी को सुनने नहीं आये लोग खाली रह गईं हजारों कुर्सियां, भाजपा नेताओं में बढ़ी बेचैनी

मिर्ज़ापुर. जनपद के चनईपुर मैदान में बाणसागर नहर परियोजना सहित कई योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करने पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी की रैली में अपेक्षित भीड़ नहीं जुट पाने से पार्टी नेता निराश दिखाई दिए। वहीं रैली को लेकर पिछले दस दिनों से चल रही तैयारियों को देखते हुए रैली स्थल पर कम भीड़ का जुट पाना जिला भाजपा इकाई के मैनेजमेंट पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
जी हां जिले में चर्चा तेज है कि पीएम मोदी की रैली पर जिला भाजपा इकाई कि मिस मैजेनमेंट और भीषण गर्मी भारी पड़ गयी। बरसात और धूप से बचने के लिए पहले ही तीन जर्मन हैंगर लगाये गए थे। जिसमें जिला प्रशासन के अनुसार बैठने के लिए 30 हजार कुर्सियों की व्यवस्था की गई थी। एक हैंगर में नीचे बैठने के लिए दरी की व्यबस्था भी की गई थी। प्रधानमंत्री के भाषण के समय वह लगभग आधा खाली था। इस दौरान टेंट के पीछे लगी कुर्सी भी खाली दिखाई दिया। कुल मिला कर अगर भीड़ की बात करें तो वह लगभग 35 से 40 हजार के लगभग था। जो प्रधाममंत्री नरेंद्र मोदी के कद को देखते हुए काफी कम कहा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि 14 जुलाई को पीएम मोदी के आजमगढ़ की रैली में लाखों कि भीड़ से गदगद भाजपा नेता चनईपुर मैदान पर कम भीड़ देख निराश हो गए। अनुमान है कि भीड़ कम होने में भीषण गर्मी ने भे एक अहम रोल निभाया। लोग जनसभा स्थल पर पहुंचने के बजाय घरों में टीवी पर पीएम का भाषण सुनना ज्यादा पसंद किया। वही विंध्याचल मंडल की रैली होने के कारण अनुमान लगाया जा रहा था कि तीनों जिले मिर्ज़ापुर, भदोही, सोनभद्र से पार्टी कार्यकर्ताओ की भारी भीड़ पहुंचेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
जबकि इसी मैदान पर 2014 के विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी की रैली में लाखों की भीड़ जुटी थी। इसके बाद विधान सभा चुनाव में भाजपा ने सहयोगी दल अपना दल के साथ मिल कर पांचों सीट जीता था। सूत्रों के मुताबिक रैली स्थल तक वाहन उपलब्ध कराकर पार्टी कार्यकर्ताओं को पहुंचाने कि जिम्मेदारी पार्टी नेताओं के अलावा विधायक पर था। मगर विधायकों की उदासीनता के कारण पूरा मामला ही उलटा पड़ गया। हालांकि सहयोगी दल अपना दल (एस) ने भी भरपूर सहयोग किया मगर जिला इकाई की मिस मैनेजमेंट और भाजपा नेताओं कि गुटबंदी पूरे कार्यक्रम पर भारी पड़ गया।
वहीं सभा स्थल पर रैली समाप्त होने के बाद बैनर पोस्टर लूटने की होड़ भी दिखाई दिया। जैसे ही रैली खत्म हुई महिलाओं ने रैली स्थल पर लगे विशाल पोस्टर को फाड़कर समेटना शुरू कर दिया। भाजपा के सबसे स्टार चेहरे की रैली में भीड़ कम होने से जहां एक तरफ पार्टी नेताओं में खलबली मची है। जिले के पार्टी नेताओ को यह अंदेशा है कि कही केंद्रीय नेतृत्व इस पर सवाल जबाब न कर ले।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो