इसे भी पढ़ें- अनुप्रिया पटेल ने डीएम को दी विशेषाधिकार हनन की चेतावनी तो रातों रात गायब हो गया शिलान्यास का शिलापट
दरअसल पिछले शनिवार 17 अक्टूबर को मिर्जापुर के अदलहाट अंतर्गत गोठोरा गांव में यूपी के उर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर पटेल ने करोड़ों की लागत से बनने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास कर दिया। इसमें सांसद अनुप्रिया पटेल को नहीं बुलाया गया। यह बात उन्हें नागवार गुजरी और उन्होंने इसपर आपत्ति जताते हुए जिलाधिकारी सुशील पटेल को कड़ा पत्र लिखकर पूछा कि उन्हें बिना बुलाए उद्घाटन क्यों कर दिया गया। उन्होंने इसके लिये जिलाधिकारी से न सिर्फ जवाब मांगा बल्कि उनपर सांसद विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई की चेतावनी भी दे डाली। विवाद बढ़ने पर उर्जा मंत्री ने कह दिया कि उन्होंने शिलान्यास किया ही नहीं। डीएम ने भी जवाब दिया कि अभी शिलान्यास नहीं हुआ।
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अनुप्रिया पटेल के पत्र लिखते ही गोठोरा गांव से अचानक रातों रात शिलापट्ट गायब हो गया। कहा जा रहा है कि उसे प्रशासन ने हटवा दिया। उधर अभी यह विवाद खत्म भी नहीं हुआ था कि शिलापट्ट हटने के ठीक एक दिन बाद 20 अक्टूबर की शाम को केन्द्रीय विद्यालय परिसर की बिजली काट दी गई। अपनी बिल्डिंग न होने के चलते केन्द्रीय विद्यालय मिर्जापुर के राजकीय इंटर काॅलेज परिसर में ही चलता है। बिजली काटे जाने की घटना से प्रिंसिपल ने सांसद को अवगत कराया जिसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी को फिर लेटर लिखकर पूछा कि मेरे शिलान्यास पर सवाल उठाए जाने के बाद ही केन्द्रीय विद्यालय की बिजली क्यों और किसके दबाव में काट दी गई। यहां तक लिखा है कि आपके साथ चल रहे दूसरे प्रकरणों से विद्यालय की बिजली को न जोड़ें। उन्होंने जिलाधिकारी पत्र लिखकर विद्यालय की बिजली बहाल करने की मांग करते हुए इस पत्र की प्रतिलिपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को भी भेजा है।