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मिर्जापुर

अटल बिहारी वाजपेयी 2 किमी पैदल चलकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए, सामने देख DM भी रह गए थे हक्का-बक्का

मिर्जापुर में चुनावी सभा के बाद कार्यकर्ताओं ने अटल जी से कुछ कहा और वो तुरंत उन लोगों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंच गए।

मिर्जापुरAug 17, 2018 / 10:32 am

रफतउद्दीन फरीद

Atal Bihari Vajpayee

अटल बिहारी वाजपेयी

सुरेश सिंह
मिर्ज़ापुर. यूपी के मिर्जापुर से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का पुराना नाता है। वह चुनाव के समय घंटा घर मैदान और जुबली इंटर कालेज में आये थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कि मौत के बाद उनके व्यक्तित्व के बारेमें में याद करते हुए जिले के वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार सालिल पांडेय का कहना है कि अटल जी का व्यक्तित्व इतना विशाल था कि उन्हें महामानव कहा जाय अति अतिशयोक्ति नही होगी। उन्होंने अटल जी से जुड़ा एक किस्सा बताया, जब अटल जी कार्यकर्ताओं के साथ दो किलोमीटर पैदल चलकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए थे और उन्हें देखकर डीएम घबराकर अपनी कुर्सी से खड़े हो गए थे। पूरा किस्सा सलिल पांडेय कुछ यूं बताते हैं।
अटल जी से ट्रेन में मुलाकात के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि सन 1990 व अटल जी कालका मेल से कानपुर से कोलकाता में आयोजित पार्टी अधिवेशन में भाग लेने जा रहे थे। इलाहाबाद में जब इसकी जानकारी मिली तो उनसे मिलने का इरादा किया उन दिनों मैं दैनिक आज अखबार के लिए लिख रहा था। अयोध्या आंदोलन उफान पर था। मैं भी इलाहाबाद स्टेशन पर था और मिर्जापुर लौटना था। यह पता चलते कि कालका मेल में वर्तमान गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी हैं । मैं भी इस उम्मीद से कालका मेल में चढ़ गया कि राजनाथ कि मदत से उनसे मुलाकात हो जाएगी। राजनाथ सिंह उन दिनों मिर्ज़ापुर से ही राजनीति कर रहे थे।
किसी तरह से ट्रेन में अंदर ही अंदर AC प्रथम क्लास के उस कोच तक पहुंच गया। राजनाथ जी सामने पड़ गए उन्होंने मेरा अटल जी से परिचय कराते हुए कहा कि यह आपका इंटरव्यू लेना चाहते हैं। कोच में वर्तमान विदेशमंत्री सुषमा स्वराज एवं मदनलाल खुराना भी थे। अटल जी से तत्कालीन राजनीतिक विषयों पर कुछ सवाल मैंने किया । सबका उत्तर देते रहे। जब मैंने पूछा-‘भाजपा गरीब की रोटी में रामलला क्यूँ नहीं देखती’ तो वे तपाक से हंसते हुए बोले कि लगता है कांग्रेसी हो ? जब मैंने कहा कि कांग्रेसी भाजपा का मान लेते हैं, तब वे और अधिक हंस पड़े। चलती ट्रेन जब मिर्जापुर आयी तो यहां भाजपा के कार्यकर्ता जुटे थे। गेट पर राजनाथ जी आए, कुछ लोग अंदर गए । अटलजी को प्रणाम किया।
पूरी यात्रा में भाजपा की रीति-नीति के संबन्ध में जटिल सवालों पर वे कभी गुस्से या तनाव में नहीं हुए। जिले में अटल बिहारी वाजपेयी का पैदल जुलूस जिले में चुनावी जनसभा को संबोधित करने पूर्व प्रधानमन्त्री कई बाद आये हैंं। वर्ष 1980 के चुनाव में वे नगर के घण्टाघर में जनसभा के बाद जब कार्यकर्ताओ ने जिला प्रशासन कि शिकायत दर्ज कराई तो वह दो किलोमीटर पैदल कलेट्रेट पहुच गए। दरसल हुआ यूं कि उन्हें पार्टी के लोगों ने बताया कि प्रशासन पक्षपात कर रहा है। इतना सुनते ही वह मंच से उतर कर वे पैदल ही कार्यकर्ताओ के साथ वासलीगंज, संकटमोचन, रामबाग होते कचहरी जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचे। उन्हें सामने देख प्रसाशनिक अधिकारी भी हक्के बक्के हो गए।
वहां तत्कालीन जिला अधिकारी मिले और से बड़े संयमित ढंग से बातचीत की तथा निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कहा।उनके जाने के बाद वहां मौजूद प्रशासनिक अधिकारी भी शालीनता से बात करने की उनके स्टाईल की तारीफ की किया। वह दुबारा 1991 में शहर के जुबिली स्कूल में आयोजित जनसभा को सम्बोधित करने आये थे। अटल जी वर्ष 1991 में ए एस जे इंटर कालेज में भी जनसभा के लिए आए थे। उन दिनों प्रधानमंत्री नरसिंहराव द्वारा द्वारा लागू की जा रही उदारीकरण एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा डंकल प्रस्ताव पर उन्होंने जम कर प्रहार किया था। इस दौरान उन्होंने जनता से सुशासन के लिए भाजपा को वोट की बात कहा।
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