script14 साल शिलान्यास के बाद भी नहीं बन पाया नदी पर पुल, जान जोखिम में डाल कर पार जाते हैं लोग | bridge not build after 14 year Foundation stone in mirzapur | Patrika News

14 साल शिलान्यास के बाद भी नहीं बन पाया नदी पर पुल, जान जोखिम में डाल कर पार जाते हैं लोग

locationमिर्जापुरPublished: Apr 14, 2019 08:52:08 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

बांस के सहारे लोग हर रोज अपनी जान जोखिम में डालकर इस पार से उस पार जाने को मजबूर हैं

up news

बांस के सहारे लोग हर रोज अपनी जान जोखिम में डालकर इस पार से उस पार जाने को मजबूर हैं

मिर्ज़ापुर. 14 साल पहले जमालापुर स्थित गरई नदी पर पुल निर्माण के लिए शिलान्यास किया गया तो लोगों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गांव के लोगों को लगा कि अब उनकी परेशानी के दिन दूर होने वाले हैं। लेकिन उम्मीद साल दर साल तब टूट गईं जब 14 साल बीत जाने के बाद इस पुल को बनाया न जा सका। आज भी बांस के पुल के सहारे लोग हर रोज अपनी जान जोखिम में डालकर इस पार से उस पार जाने को मजबूर हैं।
मई 2005 को एमएलसी (बसपा) रामचन्द्र त्यागी ने ग्रामीणों की सुविधा के लिए पुल का शिलान्यास कर वहां शिलापट भी लगवा दिया। जो आज भी वहां पर मौजूद है। स्थानीय लोगो के अनुसार इस पुल के निर्माण के लिए कार्यदाई संस्था के तौर पर सिंचाई विभाग नारायनपुर-मिर्ज़ापुर को अधिकृत किया गया था। मगर शिलान्यास और शिलापट के आगे कुछ नहीं हुआ। नदी पार करने के लिए स्थानीय लोगों ने बॉस का पुल बनाया गया है।
नदी में कम पानी होने पर अस्थायी तौर पर बने इस बॉस की पुल से नदी पार कर लेते हैं लेकिन उफनाती नदी के दौरान काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। पुल का निर्माण न होने से औड़ी, पान्डेयचक, समेत दर्जन भर गांवो के लोगों को सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र ,ब्लाक मुख्यालय ,स्कूल-कालेज सहित शहर बाजार जाने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पर है
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो