मिर्ज़ापुर. शौचालय वितरण में धंधली और कमीशनखोरी पर अधिकारियों और नव निर्वाचित अध्यक्ष और सभासदों के बीच ठन गयी है। बसपा से जीते नगरपालिका अध्यक्ष ने शपथ लेने के बाद अपने ही कार्यालय में शौचालय के पैसे का भुगतान नहीं करने पर नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी को कार्यालय में बंधक बना लिया।
मामला अहरौरा नगरपालिका के अध्यक्ष गुलाब मौर्य अपने साथ सैकड़ों समर्थकों को लेकर नगर पालिका कार्यालय पहुंच गए। वहां उन्होंने अधिशासी अधिकारी विनय तिवारी पर शौचालय के लिये आए धन के गबन का आरोप लगाते हुए उन्हें बंधक बना लिया। वह कार्यालय में ही लोगों के साथ धरने पर बैठ गए।
अध्यक्ष गुलाब मौर्या ने मीडिया को बताया कि ईओ ने कमीशन के चक्कर मे दो साल से आये 1678 शौचालय में से सिर्फ 413 शौचालय वितरित किये। पर बाकी 1265 शौचालयों का वितरण इस लिए नहीं किया गया क्योंकि वह इसके लिए सभी से एक हजार रुपया मांग रहे हैं।
इसके अलावा अभी जिन्हें शौचालय मिला है उनके खाते में भी पिछले छह महीनों में शौचालय के पैसों का भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने दावा किया कि शौचालय का पूरा पैसा ईओ कमीशन के चक्कर मे लाभर्थियों के खाते में ट्रांसफर नहीं कर रहे। इतना ही नहीं उन्होंने ईओ पर बिना उनकी अनुमति के ही दस दिनों के भीतर 27 लाख रुपये का भुगतान ठेकेदारों को करने का आरोप लगाया।
वहीं बंधक बने ईओ ने शौचालय का धन खाते में ट्रांसफर नहीं होने पर इसके लिये बैंक को जिम्मेदार बताया। वह कहते रहे कि भुगतान जल्द से जल्द हो जाएगा, पर अध्यक्ष अपने समर्थकों के साथ तत्काल भुगतान के लिये अड़ गए। वह मांग करने लगे कि ईओ को भी हटाया जाए। अध्यक्ष ने कहा कि दो साल से पड़े इन सभी शौचालयों का वितरण कर दिया गया होता तो बीजेपी कभी नहीं हारती। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अध्यक्ष व ईओ का यह टकराव कितने दिन तक चलता है।