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यूपी के मिर्जापुर में बीजेपी प्रत्याशी ने दिया इंकपैड तो शुरू हुआ मतदान

locationमिर्जापुरPublished: Nov 29, 2017 03:23:19 pm

प्रत्याशी दे रहे इंकपैड : चुनाव आयोग की इज्जत पर लगा बट्टा…

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प्रत्याशी दे रहे इंकपैड : चुनाव आयोग की इज्जत पर लगा बट्टा…

मिर्जापुर. निकाय चुनाव के दौरान नगर क्षेत्र में सूखे इंकपैड से बैलेट पेपर पर मुहर न उभरने की समस्या से परेशान मतदाता कि समस्याओं का हल से सेक्टर मजिस्ट्रेट नहीं निकाल पाए। अंततः कई केंद्रों पर प्रत्याशियों को इंकपैड खरीद कर देना पड़ा। कई केंद्रों पर इंकपैड में पानी डालना पड़ा। मिर्ज़ापुर नगरपालिका चुनाव में चुनाव आयोग कि तैयारियों पर सवालिया निशान खड़ा हो गया। एक तफर जहां चुनाव आयोग मतदान कर्मियों को किसी से आतिथ्य स्वीकार न करने का निर्देश देता रहा है। वहीं सरकारी तौर पर पीठासीन अधिकारी को मिले इंक पैड सूखे होने से हो रही परेशानी को देखते हुए चुनाव आयोग कि मदत को सामने आए सभासद प्रत्यासी खुद बाजार से खरीद कर इंक पैड पीठासीन अधिकारियों को मुहैया करा रहे हैं।
सुबह जब मतदान शुरू हुआ तो मिर्ज़ापुर नगरपालिका के लगभग हर बूथ से इंक पैड के खराब होने की शिकायत आनी शुरू हो गई। वोट दे रहे मतदाताओं के अनुसार इंक कि वजह वैलेट पेपर पर मुहर लगाने के बाद निशान उभर कर नहीं आ रहा था। जिसकी वजह से वैलेट पेपर पर स्याही का निशान दिखाई नहीं दे रहा था।
तेलियरगंज में स्थित शिवपुर इंटर कॉलेज में बने बूथ पर भी मतदाताओं को यही परेशानी हुई तो वहाँ से भाजपा सभासद के प्रत्यासी टीटू यादव ने बाजार से इंक पैड खरीद कर दिया। टीटू यादव ने मजबूरी जाहिर करते हुए कहा कि, वोटर का मत खराब न हो इसके लिए खुद बाजार से 6 इंक पैड ला कर बूथ पर मुहैया करवाया। तब जा कर बूथ पर स्याही की समस्या का समाधान हो पाया।
पीठासीन अधिकारी को इंक पैड मुहैया कराने वाले प्रत्यासी टीटू यादव ने बताया कि, उन्होंने लगभग 6 इंक पैड खरीद कर चुनाव कर्मचारियों को मुहैया करवाया है। हालांकि सुबह विंध्यचाल और शहर के पंसहिया टोला में स्थित मतदान बूथ से भी स्याही कि समस्या को लेकर अधिकारियों के पास लगातार शिकायत आती रही।
त्रिमोहनी के बूथ संख्या 236, 237, 238 पर इंक पैड के सूखे होने कि शिकायत खुद भाजपा नेता करते रहे। हालांकि इसमें प्रत्यासी की कोई गलती नहीं, पर सवाल उठता है कि अगर प्रत्यासी की मदद से चुनाव सम्पन्न हो तो इससे निष्पक्ष चुनाव पर प्रश्न चिह्न लगना स्वाभाविक है। इससे चुनाव आयोग की इज्जत पर बट्टा लगा है। निकाय चुनाव तैयारियों पर सवालिया निशान खडे हो जाते हैं।
input- सुरेश सिंह

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