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अगर सपा-बसपा और कांग्रेस साथ लड़े चुनाव तो मोदी सरकार की मंत्री अनुप्रिया पटेल को खोनी पड़ सकती है लोकसभा सीट!

locationमिर्जापुरPublished: Dec 19, 2018 05:48:30 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

महागठबंध होने की दशा में कुछ इस तरह होगी तस्वीर

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अगर सपा-बसपा और कांग्रेस साथ लड़े चुनाव तो मोदी सरकार की मंत्री अनुप्रिया पटेल को खोनी पड़ सकती है लोकसभा सीट!

मिर्ज़ापुर. सपा-बसपा के 2019 में साथ आकर चुनाव लड़ने और कांग्रेस को गठबंधन से दूर रखने के चर्चाओं के बीच भाजपा की सहयोगी दल अपना दल (एस) के खेमें में काफी खुशी रही। पार्टी से जुड़े एक बड़े नेता ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि महागठबंधन में इन तीन दलों के साथ आकर लड़ने से भाजपा के साथ हमारी पार्टी को भी छोड़ी मुशकिल जरूर हो सकती है। लेकिन अगर इस गठबंधन से कांग्रेस का दूर रखा गया तो आने वाले समय में मिर्जापुर संसदीय सीट पर हमारी राह आसान नजर आ रही है।
जी हां प्रदेश में एसपी और बीएसपी के महागठबंधन होने की बातें धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगी है। जहां तक अंदर की खबरें आ रही हैं वो ये कि दोनों दलों ने सीटों का बंटवारा भी कर लिया है। एक ओर जहां इस गठबंधन से भाजपा की परेशान बढ़ती बताई जा रही है तो वहीं भाजपा की सहयोगी दल अपना दल(एस) खेमें में इन दोनों दलों के गठबंधन से खासा खुशी बताई जा रही है। कहा जा रहा कि गठबंधन की खबरों से अपना दल(एस) की नेता और केन्द्रीय मंत्री अमनुप्रिया पटेल काफी उत्साहित हैं और सपा-बसपा के मिलने की स्थिति में उन्हे अपनी पार्टी का लाभ नजर आ रहा है।
जी हां हम बात कर रहे हैं पूर्वांचल के हाई प्रोफाइल मिर्ज़ापुर संसदीय सीट का। मौजूदा समय में इस सीट से केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल सांसद हैं। अपना दल(एस) को ऐसा लग रहा है कि सपा-बसपा गठबंधन हुआ तो यह सीट बसपा के खाते में जा सकती है। क्योंकि पिछले दो बार के संसदीय चुनाव में इस सीट पर बसपा दमदारी के साथ लड़ी और दूसरे नम्बर पर रही है। मिर्ज़ापुर संसदीय सीट एनडीए गठबंधन से 2014 के मोदी लहर में अनुप्रिया पटेल द्वारा एक तरफा जीतने के बाद 2019 के चुनाव में मुकाबला महागठबंधन बनाम अनुप्रिया पटेल होने की सम्भावना है। पहली बार भाजपा और अपना दल(एस) गठबंधन के सामने महागठबंधन का संयुक्त प्रत्याशी होगा। मगर अखिलेश और मायावती द्वारा महागठबंधन में कांग्रेस को शामिल न होने से केंद्रीय मंत्री के लिए राह कुछ हद तक आसान हो जाएगी। ऐसा उन्हे लग रहा है।
महागठंबधन होने की दशा मे कुछ इस तरह होगी तस्वीर

आकड़ो की दृष्टि से देखें तो अनुप्रिया पटेल को 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल 4लाख 36हजार 536 मत हासिल कर विजय हुए थे। वहीं दूसरे स्थान पर बसपा कि समुद्रा बिंद रही जिसको 2 लाख 17 हजार 457 मत मिले थे। तीसरे स्थान पर कांग्रेस प्रत्याशी ललितेश त्रिपाठी रहे जिन्हें 1 लाख 52हजार 2666 मत मिला। जबकि सपा चौथे साथ पर रही। जिसके प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह पटेल 1लाख 8 हजार 88मत पाने में सफल रहे थे। इस तरह से देखा जाय तो 2014 के चुनाव में दोनो दलों को सपा और बसपा के मतों को जोड़ दिया जाय तो यह कुल मत 3लाख 26 हजार 316 मत होता है। जो महागठबंधन के बाद भी अनुप्रिया पटेल को मिले मतों से 1लाख 10हजार 220 मत कम हैं। हालांकि अगर सपा और बसपा के मतों में कांग्रेस के मिले मतों को जोड़ दिया जाए तो केंद्रीय मंत्री को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल देखने की बात यह होगी कि आने वाले वक्त में महागठबंधन कि तस्वीर क्या होगी। मगर बुधवार को यूपी में महागठबंधन को लेकर जो चर्चायें दिन भर चलती रहीं उससे तो अपना दल के खेमें में खुशी देखी जा रही है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि चुनाव में कुछ हद तक अनुप्रिया पटेल को सत्ता विरोधी लहर का भी सामना करना पड़ सकता है।

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