मिर्ज़ापुर के नरायनपुर ब्लाक के कोलउन्द ग्राम निवासी श्यामसुन्दर सिंह के घर वालों का कहना है कि पोलियो आभियान के तहत छह अगस्त को अंकुर को पोलियो की दवा पीलायी गई थी। कुछ दिन बाद अचानक वह चलते चलते लड़खड़ा कर गिर पड़ा। जिसके बाद उन्होंने अंकुर को चुनार स्थित स्वास्थ केंद्र में दिखाया। जहाँ बच्चे का स्टूल सेम्पल लेकर जाँच के लिए भेज दिया था। जाँच रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर हैरान रह गए। आनन फानन में इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को दिया गया। जिसके बाद डब्ल्यूएचओ सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम बच्चे के घर पहुंची है।
डॉ.पुनीत मिश्रा व डॉ तनुज शर्मा (लखनऊ) के नेतृत्व में स्वास्थ्य टीम बच्चे कि जाँच कर उस पर लगातार नजर बनाए हुए है। टीम ने बच्चे के साथ उसके परिवार और रिश्तेदारों का भी स्टूल किट के माध्यम से मल लेकर जाँच के लिए भेज दिया। वहीं स्वास्थ्य विभाग की अन्य टीमों द्वारा पोलियों के संक्रमण की आशंका के चलते गांव के 0 से 5 वर्ष के बच्चों के मल का भी सेम्पल लेकर लखनऊ लेबोरटरी जाँच के लिए भेजा गया। चिकित्सकों को रिपोर्ट आने का इंतजार है।
जिले के सीएमओ ओपी तिवारी का कहना है कि बच्चे को पोलियो संक्रमण नहीं हुआ है। दरसल तीन दिन पहले पोलियो ड्रॉप पिलाये जाने के बाद उसके पैरों में कमजोरी आ गयी थी। ऐसा क्यों हुआ इसकी जाँच के लिए डब्ल्यूएचओ कि टीम जाँच कर रही है। उनका कहना है कि लाखों बच्चों में एक को कभी कभी यह हो जाता है। फिलहाल टीम जाँच कर रही है। बच्चा अब ठीक है।
By- सुरेश सिंह