आश्वस्त कराया कि पूरा मामले से वह पार्टी के लखनऊ कार्यालय को अवगत कराएंगे। वहीं पूर्व सांसद के मुताबिक अस्पताल में घायलों ने प्रशासन पर पक्षपात करने और उनकी सुनवाई नहीं होने कि बात कही है।अस्पताल में भर्ती पार्वती, सुग्गी, सरोजा और खेलाड़ी से मुलाकात किया। वहीं मामले को लेकर दोनों पक्षों कि तरफ से तहरीर हलिया थाने में दे दी गयी है।
बतादें कि शुक्रवार को कोर्ट के आदेश से 50 बीघे खेत पर काश्तकार हरिशंकर मिश्रा को जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए एसडीएम अविनाश चौहान के आदेश से तहसीलदार लालगंज कर्मेन्द्र कुमार, भारी संख्या में पुलिस के साथ मौके पर गए। खेत कि जुताई के लिए पांच ट्रैक्टर भी मंगाए गए थे। पर हरिजन बस्ती के लोगों ने खेत पर कब्जे को लेकर आपत्ति दर्ज की। उनका कहना था कि यह जमीन उनको पट्टे में मिली है। लगभग तीन सौ कि संख्या में पहुचे लोगों ने विरोध करते हुए मौजूद पुलिस और प्रशासन को घेर लिया।
वहीं पर आपस मे झड़प शुरू हो गयी। दोनों पक्षो के बीच जम कर लाठी-डंडे चले। इस दौरान एक पक्ष पर हवाई फायरिंग करने का आरोप दूसरे पक्ष ने लगाया। किसी तरह से लाठी पटककर पुलिस ने वहां से लोगों को भगाया। पर भीड़ मौके पर डटी रही। हालात बेकाबू होते देख बाहर से भी पीएसी मंगवाई गयी तब जा कर पुलिस स्थिति पर काबू पा सकी। रात में दलित पक्ष द्वारा राष्टीय राजमार्ग पर जाम कि सूचना मिलने पर एक बार फिर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। मौके पर पहुंचे जिला अधिकारी अनुराग पटेल और पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने किसी तरह से ग्रामीणो को समझा कर जाम को समाप्त करवाया और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। गांव में दोनों पक्षो के बीच अभी भी तनाव का मौहल है मगर दलितों से जुड़ा मामला होने के कारण मामले का राजनीतिकरण भी किया जा रहा है।
By Suresh Singh