गले में फांसी का फंदा डाल दलित दम्पति बैठे धरने पर, ग्राम प्रधान पर लगाया गंभीर आरोप
सिटी मजिस्ट्रेट के आश्वासन के बाद पीड़ि़तों ने धरना समाप्त किया

मिर्ज़ापुर. मनरेगा मजदूरी और प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा ग्राम प्रधान द्वारा नहीं दिये जाने से परेशान दलित बुजुर्ग पति पत्नी डीएम कार्यालय के सामने गले मे फाँसी का फंदा डाल कर धरने पर बैठ गए। कुछ घंटों बाद सिटी मजिस्ट्रेट के आश्वासन के बाद पीड़ि़तों ने धरना समाप्त किया।
कछवा थाना क्षेत्र अंतर्गत मझवां गाँव के रहने वाले हीरावती और विश्राम का आरोप है कि गाँव के ग्राम प्रधान शशिकांत त्रिपाठी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले आवास का पैसा बैंक से निकलवा कर इस आश्वासन पर अपने पास रख लिया कि तुम्हारा आवास हम बनवाएंगे। लेकिन आवास अभी भी अधूरा है। घर के अंदर प्लास्ट तक नहीं कराया गया।
पीड़ित परिवार ने बताया कि सिर्फ बाहर सामने कि दीवार प्लास्ट कर उसका फ़ोटो खिंच कर ले गए। यहां तक कि मकान में रोशनदान, दरवाजा भी खुद लगाना पड़ा। जब वह पैसे मांगने जाते हैं तो उन्हें सभी पैसे एक साथ देने का आश्वासन देकर वापस भेज दिया जाता है।
पीड़ित विश्राम का कहना है कि मनरेगा में कि गयी 20 हजार रुपये कि मजदूरी का भुगतान भी ग्राम प्रधान नहीं कर रहा। इतना ही नहीं पीड़ितों का आरोप यहं भी है कि मजदूरी और प्रधानमंत्री आवास का पैसा मांगने पर ग्राम प्रधान ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गालियां दी।
कही सुनवाई न होता देख दोनों पति- पत्नी डीएम कार्यालय के सामने गले मे फाँसी का फंदा डाल कर धरने पर बैठ गए। मामले कि जानकारी जब सिटी मजिस्ट्रेट पंकज वर्मा को हुई तो उन्होंने तत्काल परियोजना निदेशक से फोन पर बात कर प्रधानमंत्री आवास कि समस्या के समाधान का निर्देश दिया।
साथ ही कछवा थाना प्रभारी को श्रमिक को मजदूरी के सम्बंध में जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा कार्रवाई का आस्वासन देने के बाद धरना समाप्त किया।
By- सुरेश सिंह
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