गोपाल खंडेलवाल मिर्जापुर के पत्तिकापुरा मझवां गांव के एक आम के बागीचे में पिछले 21 सालों से जरूरतमंद बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रहे हैं। गोपाल दोनों पैरों से विकलांग हो चुके हैं। हालांकि वह बचपन से ऐसेे नहीं थे। उन्होंने 1996 में सीपीएमटी क्लियर किया और उन्हें आगरा मेडिकल काॅलेज में दाखिला मिल गया। 19 नवंबर 1996 में अपना दाखिला कराकर गोपाल कार से वापस घर लौट रहे थे। इसी दौरान लखनऊ के पास वह हादसे का शिकार हो गए। इस हादसे में उनकी जिंदगी तो बच गई, लेकिन एक्सिडेंट की वजह से कमर के नीचे के हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। तीन साल तक अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन डाॅक्टरों ने जवाब दे दिया। परिवार वालों ने भी उनका साथ छोड़ दिया।
एक दोस्त की मदद से गोपाल 1999 में वाराणसी से मिर्जापुर आ गए और क्षेत्र में बच्चों को निशुल्क पढ़ाना शुरू कर दिया। गोपाल ने पत्तिकापुरा कछवां मझवां गांव के बागीचे को ही अपना गुुरूकुल बना लिया और वहीं बच्चों को मुफ्त में पढ़ाना शुरू कर दिया। 21 साल में अब तक वह करीब 10 हजार बच्चों को पढ़ा चुके हैं। उनका मकसद क्षेत्र के जरूरतमंद बच्चों को शिक्षित करा और इलाके में शिक्षा का प्रकाश फैलाना बन गया। उनके इस काम में उनकी शारीरिक अक्षमता कभी आड़े नहीं आयी।
लोगों में शिक्षा का प्रकाश बांटने वाले गोपाल खंडेलवाल एक तरफ अपने मकसद में जी जान से जुटे थे तो दूसरी ओर धीरे-धीरे उनके सामने एक संकट भी बड़ा होता जा रहा था। यह संकट था जीवन यापन का उनके इलाज और दवाओं का, जिसके लिये उनके पास रुपये नहीं थे। आखिरकार जब कहीं से कोई उम्मीद की किरन नहीं दिखी तो गोपाल ने मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी मिर्जापुर को ट्वीट कर मदद मांगी। ट्वीट का मिर्जापुर के जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया और तत्काल रोटरी क्लब के सौजन्य से उनके लिये छह हजार रुपये महीना मदद का इंतजाम करवाया। पहली मदद लेकर डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार खुद गोपाल खंडेलवाल के पास पहुंचे और उन्हें छह हजार रुपये की पहली मदद सौंपी। डीएम ने गोपाल द्वारा चलाए जा रहे क्लासेज का भी निरीक्षण किया। मदद पाकर वह काफी खुश दिखे।
विवेक ओबेराॅय ने भी की थी तारीफ
विकलांग गोपाल खंडेलवाल के जज्बे और उनके काम की हर कोई तारीफ करता है। बाॅलीवुड अभिनेता विवेक ओबेराॅय को भी इनके काम ने प्रभावित किया और उन्होंने इनकी जमकर तारीफ की थी और मदद को भी आगे आए थे।
डीएम बोले हर संभव मदद होगी
जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने कहा कि गोपाल जी ने ट्वीट कर अपनी स्थिति के बारे में बताते हुए लिखा था कि इनके शरीर का निचला हिस्सा काम नहीं करता। इसके बाद उनसे बात की तो उनका कहना था कि दवा और भोजन के लिये अगर पांच हजार की मदद हो जाए तो इतना काफी होगा। इसके बाद मैंने रोटरी क्लब के जरिये छह हजार रुपये महीने की मदद का इंतजाम कराया, जो इन्हें अगले दो साल तक मिलेगी। इसके अलावा जो भी सरकारी मदद होगी वह भी दिलायी जाएगी।
गोपाल ने किया डीएम का शुक्रिय
ट्वीट का संज्ञान लेकर डीएम की ओर से मदद किये जाने पर गोपाल खंडेलवाल काफी खुश थे। उन्होंने इसके लिये जिलाधिकारी का शुक्रिया अदा किया। कहा कि मैं हमेशा मदद के लिये ट्वीट करता रहता था, पर अब तक किसी ने ध्यान नहीं दिया। जिलाधिकारी ने देखा तो वह मदद को आगे आए। उन्होंने बताया कि वह जब क्षेत्र में आए तो वहां शिक्षा की स्थिति काफी दयनीय थी। मैंने यहां रोजाना बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। लगभग सौ बच्चे मेरे यहां रोजाना पढ़ने आते हैं।
By Suresh Singh