जिला प्रशासन ने कहा नहीं दे सकते धरना-प्रदर्शन की इजाजत रविवार को जिला प्रशासन की ओर से विज्ञप्ति जारी कर नगर पालिका चेयरमैन की ओर से लगाए गए सभी आरोपों का जवाब दिया। धरना प्रदर्शन की अनुमति पर भी साफ कर दिया कि मोहम्मद जावेद व गुलजार के जरिये सात फरवरी को सिटी मजिस्ट्रेट से अनुमति मांगी गयी थी, जिससे इनकार कर दिया गया है। इसके पीछे कारण यह बताया गया कि कलेक्ट्रेट परिसर में विभिन्न कार्यालय, न्यायालयों और सरकारी काम इससे प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा वर्तमान समय में माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा और त्योहारों को देखते हुए जिले में धारा 144 लागू है। इन सबको मद्देनजर रखते हुए इजाजत नहीं दी जा सकती। न सिफ इनकार किया गया है बल्कि चेतावनी भी दी गयी है कि अगर नगर पालिका अध्यक्ष और सभासद धरना-प्रदर्शन करते हैं तो CRPC की धारा 188 व दूसरी सक्षम धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। दूसरी ओर चेयरमैन सोशल मीडिया पर धरना प्रदर्शन के लिये लोगों से समर्थन मांग रहे हैं।
दरअसल चेयरमैन मनोज जायसवाल ने दो दिन पहले ही पत्रकार वार्ता कर आरोप लगाया था कि डीएम न सिर्फ विकास कार्यों में रोड़ा अटका रहे हैं, बल्कि विकास योजनाओं में गतिरोध पैदा कर रहे हैं। उनके खिलाफ सभासदों के साथ जिला मुख्यालय में प्रदर्शन करने का ऐलान भी किया था। डीएम की ओर से भी इसका जवाब आने में देर नहीं लगी। उन्होंने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि पालिका को तालाब और अन्य परियोजनाओं के लिये पैसा जारी किया गया। साफ किया कि अधिकारियों को पालिका के कामों पर नजर रखने के लिये लगाया गया। पांच विभागों से पैसा दिया जा चुका है। इसके अलावा एक समिति बनाकर जनहित से सम्बन्धित काम पालिका के जरिये करवाए जाते हैं। डीएम अनुराग पटेल ने जानकारी दी है कि नगरपालिका को पहले ही तालाब से संबंधित सारे धन आवंटित कर दिये गए हैं। नवरात्र मेले में विंध्याचल को प्रान्तीय मेला घोषित करने के बाद शासन से मिले 60 लाख रुपये कि धनराशि में से नगरपालिका को बीते 25 जनवरी को ही 18.86 लाख रूपये भेजा जा चुका है।
By Suresh Singh