script

312 रुपये भुगतान का मुकदमा चला 41 साल, वादिनी गंगा देवी को मौत के 13 साल बाद मिला इंसाफ

locationमिर्जापुरPublished: Sep 09, 2018 09:22:18 am

Submitted by:

Sunil Yadav

लिपिकीय त्रुटि वस वादिनी पर बकाया के संदर्श में मुकदमा चल रहा

312 रुपये भुगतान का मुकदमा चला 41 साल, वादिनी गंगा देवी को मौत के 13 साल बाद मिला इंसाफ

312 रुपये भुगतान का मुकदमा चला 41 साल, वादिनी गंगा देवी को मौत के 13 साल बाद मिला इंसाफ

मिर्ज़ापुर. शहर कोतवाली इलाके के गिरधर चौराहा निवासिनी गंगा देवी बनाम राज्य का मामला 1975 के निस्तारण में चार दशक के ज्यादा का वक्त लग गया। अब इस मुकदमे का फैसला आया तो वादिनी को गुजरे तेरह साल हो गए।

वादिनी के मकान को तहसीलदार ने कुर्क कर दिया था। वाद में संशोधन के बाद 312 रुपया जमा करने का आदेश 19.2.1977 को मुन्सरिम न्यायालय ने दिया । वादिनी ने 312 रुपया 9 अप्रैल 1977 को अदा कर दिया। इसके बाद मामला निस्तारण का आदेश होने के बाद डिक्री बनायी गयी । इसके विरुद्ध राज्य की ओर से मामला सिविल न्यायालय में दाखिल कर दिया गया । न्यायालय ने शुल्क जमा होने के बावजूद त्रुटिवश पत्रावली को आगे बढ़ाने के बजाय गुण दोष के आधार पर दिनांक 23.5.1979 को सिविल कोर्ट ने पूर्व में कोर्ट द्वारा 7.12.1977 के फैसले को सही करार देते हुए मामले को निस्तारित करने का आदेश दिया।

लेकिन लिपिकीय त्रुटि वस वादिनी पर बकाया के संदर्श में मुकदमा चल रहा था। पूरे मामले के दौरान यह मुकदमा कई जज के पास से गुजरा लेकिन किसी का ध्यान इस पर नहीं गया। वहीं जब मामला सिविल जज लवली जायसवाल के कोर्ट में पहुंचा तो उनका ध्यान इस प्रकरण पर गया। उन्होंने कोर्ट द्वारा पूर्व में 28.5.1979 को दिए गए आदेश के आधार पर 31.8.2018 को मुकदमे को पूरी तरह से खत्म करने का आदेश दिया। हालांकि मामले के निस्तारित होने में चार दशक से अधिक का वक्त लग गया। इस बीच वादी गंगा देवी कि 2005 में मौत हो गयी। उनके पौत्र विवेक तिवारी ने अदालत का आदेश मिलने पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि उन्हें इसके बारे में कुछ खास पता नहीं था। अचानक कोर्ट का आदेश मिला तो देख कर प्रसननता हुई।

ट्रेंडिंग वीडियो