पुलिया के पास हुई थी हत्या
मिर्जापुर जिले के अहरौरा थानाक्षेत्र के सोनबरसा गांव में 21 अप्रैल की रात 75 साल के वृद्ध वृन्दावन उर्फ इंदर का शव नहर की पुलिया के पास मिला था। इंदर को उसके पोते जितेंद्र बिंद ने कुल्हाड़ी से काटकर उसकी हत्या कर दी और शव को वहीं छोड़कर भाग गया। उसके बड़े बेटे कन्हैया की तहरीर पर पुलिस ने हत्या की जांच शुरू की तो पूरा मामला उनके सामने खुलकर आ गया।
मिर्जापुर जिले के अहरौरा थानाक्षेत्र के सोनबरसा गांव में 21 अप्रैल की रात 75 साल के वृद्ध वृन्दावन उर्फ इंदर का शव नहर की पुलिया के पास मिला था। इंदर को उसके पोते जितेंद्र बिंद ने कुल्हाड़ी से काटकर उसकी हत्या कर दी और शव को वहीं छोड़कर भाग गया। उसके बड़े बेटे कन्हैया की तहरीर पर पुलिस ने हत्या की जांच शुरू की तो पूरा मामला उनके सामने खुलकर आ गया।
हत्या के बाद से ही जितेंद्र को तलाश कर रही पुलिस को मुखबिरों से सूचना मिली कि वह मोटरसाइकिल से जा रहा है। थानाध्यक्ष अहरौरा वैभव सिंह ने टीम के साथ घेराबंदी कर सोनबरसा तिराहे के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके पास से एक मोटरसाइकिल और हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी भी बरामद किया।
ये है पूरी कहानी
मृतक वृन्दावन उर्फ इन्दर ने अपनी पूरी जमीन साल 2009 में अपनी पुत्री जोखनी के नाम कर दिया। बाद में उसी जमीन को 2012 में जितेंद्र ने अपने दादा से दुबारा रजिस्ट्री करा लिया। पर विवाद होने के चलते जितेंद्र को जमीन पर कब्जा नहीं मिल पा रहा था। वहीं इसी जमीन को लेकर जितेंद्र और जोखनी देवी के बीच सिविल न्यालय में मुकदमा चल रहा था। मृतक वृन्दावन उर्फ इन्दर अपने बेटी और दामाद को ज्यादा मानता था। इसी को लेकर जितेन्द्र अपने दादा से नाराज रहता था। उसे आशंका थी कि अगर दादा ने अपनी बेटी और दामाद के पक्ष में कोर्ट में बयान दिया तो जमीन उसके हाथ से निकल जायेगी।
मृतक वृन्दावन उर्फ इन्दर ने अपनी पूरी जमीन साल 2009 में अपनी पुत्री जोखनी के नाम कर दिया। बाद में उसी जमीन को 2012 में जितेंद्र ने अपने दादा से दुबारा रजिस्ट्री करा लिया। पर विवाद होने के चलते जितेंद्र को जमीन पर कब्जा नहीं मिल पा रहा था। वहीं इसी जमीन को लेकर जितेंद्र और जोखनी देवी के बीच सिविल न्यालय में मुकदमा चल रहा था। मृतक वृन्दावन उर्फ इन्दर अपने बेटी और दामाद को ज्यादा मानता था। इसी को लेकर जितेन्द्र अपने दादा से नाराज रहता था। उसे आशंका थी कि अगर दादा ने अपनी बेटी और दामाद के पक्ष में कोर्ट में बयान दिया तो जमीन उसके हाथ से निकल जायेगी।
जमीन को बचाने के लिए जितेंद्र ने दादा को रास्ते से हटाने का फैसला किया। उसने 21 अप्रैल की देर रात दादा को सोनबरसा नहर के पास ले जा कर कुल्हाड़ी से काट कर निर्मम हत्या कर दिया। मौके से फरार हो गया।
by Suresh Singh