मिर्जापुर के ग्राम पंचायत जमालपुर निवासी आशीष मौर्य का कुछ महीने पहले नजदीकी सहिजनी गांव के मुस्लिम समुदाय की लड़की से प्रेम हो गया। दोनों एक फाइनेंस कंपनी में साथ काम करते थे, जहां उनका प्रेम परवान चढ़ा और वो एक दूसरे के हो गए। एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खा लीं। दोनों का धर्म अलग-अलग होने के नाते उन्हें इस बात का एहसास था कि उनके रिश्ते को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसी के चलते दोनों ने चुपचाप मंदिर में जाकर शादी कर ली। लड़के के पिता को जब यह बात पता चली तो उसने लड़की के घर पहुंचकर उसके पिता को जानकारी दी। लड़की के पिता ने अपनी बेटी से पूछताछ की और सच्चाई सामने आने के बाद वह फरियाद लेकर थाने पहुंचा।
इसे भी पढ़ें साक्षी के बाद यूपी के मिर्जापुर में भी आई कुछ ऐसी कहानी, घर वालों के राजी न होने पर मंदिर में मुस्लिम लड़की ने हिंदू से रचाई शादी मामला पुलिस के पास पहुंचने पर प्रेमी आशीष मौर्य और उसके परिवार को थाने में बुलवाया गया। 25 जुलाई को जमालपुर थाने में इसको लेकर पंचायत हुई और आशीष उसे साथ रखने के लिये राजी हो गया। पुलिस ने दोनों को घर जाने की इजाजत दे दी। उधर आशीष के पिता बंशराज ने दोनों को रहने के लिये एक अलग मकान दे दिया। 15 दिनों तक दोनों पति-पत्नी के रूप में रहे, लेकिन जिस प्रेम के धागे को मजबूत समझकर लड़की ने घरबार तक छोड़ दिया वह बेहद कमजोर निकला। प्रेमी के माता-पिता ने शन्नो को अपने घर से बाहर निकालकर मकान पर ताला चढ़ा दिया। उधर प्रेमी आशीष भी शन्नो का नंबर ब्लॉक कर उसे छोड़कर कहीं चला गया। लड़की जब अपने माता-पिता के घर वापस गयी तो उन लोगों ने भी उसे नहीं रखा। शुक्रवार को वह न्याय मांगने थाने पहुंची, लेकिन वहां भी उसकी सुनवायी नहीं हुई। शन्नो ने बताया कि पति आशीष ने उसे अपना सामान लाने के बहाने मायके पहुंचा दिया, पर जब वह सामान लेकर वापस पहुंची तो घर पर ताला बंद था। वह रात भर बाहर दरवाजे पर बैठी रही।
By Suresh Singh