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Maa Vindhyavasini Dham : 50 मीटर चौड़ा परिक्रमा पथ, 331 करोड़ की परियोजना

locationमिर्जापुरPublished: Jul 06, 2021 02:27:20 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

Maa Vindhyavasini Dham :- विश्वनाथ धाम और राम मंदिर के साथ विंध्याचल भाजपा के एजेंडे में

Maa Vindhyavasini Dham Vindhya Corridor

Maa Vindhyavasini Dham : 50 मीटर चौड़ा परिक्रमा पथ, 331 करोड़ की परियोजना

पत्रिका ग्राउंड रिपोर्ट
मो. रफतउद्दीन फरीदी
मिर्जापुर. विंध्याचल स्थित मां विंध्यवासिनी के दर्शन करने इस बार आएंगे तो यहां का नजारा बदला दिखेगा। विंध्य कॉरिडोर से मां विंध्यवासिनी के साथ अब मां गंगा भी एकाकार होंगी। एक ही स्थान से श्रद्धालु शक्ति धाम के साथ मां गंगा के भी दर्शन भी अब कर सकेंगे। 331 करोड़ की परियोजना तेजी से आकार ले रही है। काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर को मार्च 2022 तक पूरा करने की योजना है। उसके पहले विंध्यधाम कॉरिडोर को पूरा कर लिया जाएगा। राममंदिर, विश्वनाथ धाम के साथ ही विंध्य धाम भी भाजपा के चुनावी एजेंडे शामिल है। इसलिए सरकार इन तीनों धार्मिक स्थलों का तेजी से विकास करवा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 जुलाई को विंध्य कॉरिडोर का उद्घाटन कर सकते हैं। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी बुलाने की योजना है।
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विंध्य कॉरिडोर के पहले चरण में मंदिर के चारों ओर 50 फीट का परिक्रमा पथ बन रहा है। मंदिर तक जाने वाले चार रास्ते भी 35 से 40 फीट तक चौड़े होंगे। धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी का कहना है कि प्रथम चरण का शुरुआती काम पूरा हो चुका है। काशी विश्वनाथ मंदिर की तरह विंध्याचल स्थित मां विंध्यवासिनी धाम भी आबादी के बीच में स्थित है। यहां तक पहुंचने के रास्ते बेहद संकरे हैं। इसी के मद्देनजर विंध्य कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है। 30 अक्टूबर 2020 को योगी कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी।
इस तरह चल रहा निर्माण
पहले चरण में मंदिर के चारों ओर 50 मीटर चौड़ा गलियारा (परिक्रमा पथ) बन रहा है। इससे मंदिर का परिसर कई गुना बढ़ जाएगा। मंदिर को जोडऩे वाले चार मार्गों का विस्तार कम से कम 40 फीट तक हो रहा है। 35 फिट से कम कोई रास्ता नहीं होगा।
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671 मकान हुए ध्वस्त
परिक्रमा पथ के निर्माण के लिए 92 सम्पत्तियों और 671 मकानों को गिराया गया है। इन संपत्तियों के मालिकों को अब तक 133 करोड़ मुआवजे के रूप में दिया जा चुका है। विंध्य कॉरिडोर की लागत 331 करोड़ रुपए के लगभग है। लेकिन, अब कॉरिडोर के तहत काली खोह और अष्टभुजा मंदिर का निर्माण भी किया जाना है। इससे लागत बढ़ जाएगी।
विंध्य धाम विकास परिषद गठित
क्षेत्र के विकास के लिए विंध्य धाम विकास परिषद गठित किया गया है। परिषद भक्तों और यात्रियों की सुविधा के लिए काम करेगा।

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प्रदेश का पहला रोपवे बनकर तैयार
विंध्य कॉरिडोर के आसपास पहाड़ी क्षेत्र में कई खूबसूरत झरने, कुंड और वाटर फॉल्स हैं। यहां अष्टभुजा पहाड़ी पर पूर्वी उत्तर प्रदेश का पहला रोपवे बनकर तैयार है। अब अष्टभुजा मंदिर के लिए खड़ी पहाड़ी सीढिय़ां नहीं चढऩी होंगी। मां विंध्यवासिनी मंदिर से पांच मिनट में अष्टभुजा मंदिर पहुंचा जा सकेगा।
एक नजर में विंध्य धाम कॉरिडोर
कुल लागत- 331 करोड़
परिक्रमा पथ 50 फीट चौड़ा- 1941.41 लाख रुपए
न्यू वीआइपी गली-35 फीट चौड़ी- 666.02 लाख रुपए
पुरानी वीआइपी गली-40 फीट चौड़ी-1567.28 लाख रुपए
कोतवाली गली-35 फीट चौड़ा- 235.07 लाख रुपए
पक्का घाट की गली- 35 फीट चौड़ी- 902.24 लाख रुपए
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