लोगों का कहना है कि महाशिवरात्रि पर यहां पर दर्शन पूजन से भक्तो के मन की मुरादे पूरी होती है। विंध्याचल में मौजूद त्रिकोण परिपथ पर मिर्ज़ापुर शहर के पूरब दिशा में स्थित तारकेश्वर महादेव का जिक्र पुराण में भी किया गया है। मंदिर के समीप एक कुंड स्थित है। इसके बारे में मान्यता है कि तराक नामक असुर ने मंदिर के समीप कुंड को खोदा था।तारक असुर के आतंक से सभी त्रस्त थे।भगवान शिव ने ही तारक का वध किया था। इसलिए उन्हे तारकेश्वर महादेव भी कहा जाता है। कुंड के समीप ही कई शिवलिंग स्थापित हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि तारकेश्वर में देवी लक्ष्मी ने भी भगवान शिव की आराधना कर उनसे वरदान की प्राप्ति किया था। मान्यता है कि लक्ष्मी देवी यहां अन्य रुप में देवी सरस्वती के साथ वैष्णवी रुप में निवास करती हैं। मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु ने यहां पर शिव की आराधना कर उन्हें प्रसन्न किया और भगवान शिव ने वरदान स्वरूप सुदर्शन चक्र दिया था।
BY- Suresh Singh