दरअसल, जमालपुर में लोग उस वक्त हैरान हो गए जब बिना गर्भवती हुए और बच्चा दिए बिना ही एक बछिया अचानक दूध देने लगी। दशकों से डेरी का काम करने वाला पशुपालक भी बछिया को दूध देते देख हैरान हैं। तो घर वाले उसे कामधेनु मान कर उसकी पूजा अर्चना कर रहे हैं। जमालपुर क्षेत्र के ग्राम सरसा गांव में पशुपालक संतोष कुमार चौबे पुत्र गजानंद चौबे के यहां बीस महीने की बछिया बगैर सीमन व गर्भवती हुए प्रति दिन दोनों समय तीन लीटर दूध दे रही है। पशुपालक संतोष चौबे पिछले तेरह साल से डेरी का काम कर रहे हैं। उनके पास विभिन्न नस्लो की लगभग 10 गाये हैं। बीस महीने पहले उनकी एक फिजिशियन नस्ल की एक गाय ने एक बछिया जना था। अचानक बीस दिन पहले बछिया के थन बढ़ने लगा।
उन्होंने जब उसे पशु चिकित्सक को दिखाया तो चिकित्सक ने कहा कि, हार्मोन की अधिकता के चलते ऐसा हो गया है। दवा की कोई जरूरत नहीं है। इधर बीच लगातार थन बढ़ता गया। पांच दिन पहले उन्होंने उसे सीमन चढ़वाया। मगर अचानक जब मंगलवार को बछिया के पास गए तो उसके चारों थन से दूध टपकता देख हैरान हो गए। जब उन्होंने दुबारा पशु चिकित्सक की सलाह लिया तो चिकित्सक ने उन्हें दूध दुहने के लिए कहा। जिस पर दूध दूहने पर बछिया ने पहले दिन एक लीटर दूध दिया। दूसरे दिन उसने दूध बढ़ा कर दो लीटर कर दिया। पिछले तीन दिनों से सुबह दो किलो और शाम को डेढ़ किलो दूध देती है। पशुपालक संतोष कहते हैं कि, पिछले तेरह सालों से गायों को पाल रहे हैं मगर पहली बार वह देख रहे हैं कि, कोई बछिया बगैर गर्भवती और बच्चा दिए दूध दे रही है। इस बाबत पशु चिकित्सक डॉक्टर अजय जयसवाल ने बताया कि, दुधारु पशु कभी-कभी हार्मोनल प्रोडक्सन मिल्क के चलते ऐसा होता है जो बगैर गर्भ धारण दूध देती है। वहीं बछिया के दूध देने की चर्चा धीरे-धीरे आस-पास फैली तो उसे देखने के लिए घर पर लोगों की भीड़ लगी है। लोग उसे कामधेनि मानकर जा कर रहे हैं।
input सुरेश सिंह