सरकार की मंशा को दर किनार कर पारदर्शिता को बदनाम करने की साज़िश सामने आने पर कार्रवाई की गई। सन्तनगर क्रय केन्द्र पर दूसरे गांव के किसान चकबन्दी वाले गांव अमोई पुरवा का किसान बनकर फर्जी खतौनी की इस्तेमाल कर मनमानी तौर पर धान बेचा है। धान बेचने को लेकर एक तरफ किसान अपनी बारी का इंतजार एक सप्ताह रहे तो वहीं दूसरी तरफ बिचौलियों के माध्यम से रोज धान बेंचा गया। इस प्रकार लगभग 17 हजार कुन्तल धान की खरीद की गई। रजिस्टर पर आंकड़ा छिपाकर बिचौलियों द्वारा किसान बनकर ऑनलाइन 765 लोगों द्वारा धान बेच दिया गया। मामले की जांच हुई तो प्रशासन के निर्देश पर लेखपाल लल्लन सिंह ने लालगंज थाने में केन्द्र प्रभारी समेत कुल साठ किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया।
कुछ दिन पूर्व उपजिलाधिकारी रोशनी यादव द्वारा जांच के दौरान गड़बड़ी पाए जाने पर केंद्र प्रभारी समेत नौ लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया है। अपर जिलाधिकारी यूपी सिंह का कहना है कि इससे पहले जांच के दौरान बिचौलियों को पकड़ा गया था, जिसमें 8 लोगों की टीम प्रभारी और आठ लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। शक होने पर संतनगर खरीद केंद्र की खरीद की जांच करवाया तो अधिकतर खरीद अमोई गांव से ही हुई थी। यह चकबंदी में गांव है।इसमे अधिकतर बिचौलिए थे जो किसान बन के रजिस्ट्रेशन करवाया था। वहां पर नियम विरुद्ध हर दूसरे दिन खरीद हुई। छवि खराब हो रही थी 59 लोगों और केन्द्र प्रभारी पर मुकदमा दर्ज करवाया गया है।