मिर्ज़ापुर में 13 मदरसे फर्जी, पांच साल में लाखों रुपए का मिला भुगतान
जिला अल्पसंख्यक विभाग से आरटीआई कार्यकर्ता इरशाद ने जब विभाग से मदरसों के बारे में जानकारी मांगी तो पता चला कि कुल 13 मदरसे कागजों पर फर्जी तरीके से चलाए जा रहे हैं।
Updated: 07 Jul 2020, 05:03 PM IST
मिर्ज़ापुर. जिला अल्पसंख्यक विभाग से आरटीआई कार्यकर्ता इरशाद ने जब विभाग से मदरसों के बारे में जानकारी मांगी तो पता चला कि कुल 13 मदरसे कागजों पर फर्जी तरीके से चलाए जा रहे हैं। इसमें खास बात का यह खुलासा हुआ कि जिसके नाम से यह मदरसे चल रहे हैं उसने मदरसे चलाने से साफ-साफ इनकार कर दिया है। 5 साल से इन फर्जी मदरसों को भुगतान किया जा रहा था।
आरटीआई कार्यकर्ता के इस दावे की तस्दीक जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बिनोद कुमार जायसवाल ने भी की है। उनका कहना है कि 8 सितंबर 2018 को निरीक्षण हुआ तो यह घपला उसमे पकड़ में आया। जिस व्यक्ति के नाम पर यह 14 मदरसे सरकारी पोर्टल पर संचालित दिखाई दे रहे है। जब उसे पूछताछ कि गयी तो उसने मदरसों के संचालन करने की बात से इंकार कर दिया है। हालांकि इन फर्जी मदरसों को सरकारी वेतन भुगतान 2012-13 से लेकर दिसंबर 2017 तक हुआ है। अब सभी भुगतान रोक दिया गया है। जांच की जा रही है।
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