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11 साल पहले पुनवासी पुत्र स्व. कन्हैया लाल निवासी भरुहना मर्जापुर अचानक लापता हो गया था। परिवार के लोगों ने उसे बहुत खोजा पर वह नहीं मिला। इसके बाद से वो उसका इंतजार करते रहे। इस बीच पुनवासी की दुनिया भी उजड़ चुकी है। उसके लापता होने के एक साल बाद पत्नी ने भी किसी और से शादी कर ली। छह भाइयों में सिर्फ एक पुनवासी ही बचा है। उसका एक भाई अभी भी लापता है जबकि बाकी की मौत हो चुकी है। बीते अक्टूबर के महीने में जब प्रशासन के लोग मिर्जापुर स्थित उसके घर पहुंचे तब परिवार वालों को पता चला कि पुनवासी जिंदा है। इसके बाद परिवार को उसकी वापसी की उम्मीद जगी। पुनवासी का पता चल जाने के बाद स्थानीय प्रशासन ने भी उसकी वापसी के लिये कोशिश की।
पुनवासी को बीते 17 नवंबर को पाकस्तिान ने अटारी बॉर्डर पर बीएसएफ को सौंप दिया। इसके बाद अब उसके मिर्जापुर आने का रास्ता साफ हुआ है। उसकी बहन किरण के मुताबिक उसके पास किसी साहब का फोन आया था। उसे जानकारी दी गई थी क तुम्हारा भाई पंजाब में है उसे आकर ले जओ। इसके बाद शुक्रवार को किरण और उसका पति मुन्नू पुनवासी को लेने एक सिपाही के साथ ट्रेन के जरिये पंजाब के जालंधर के लिये रवाना हुए हैं। वहां से वो लोग अमृतसर जाएंगे जहां से पुनवासी को लेकर उन लोगों को चार जनवरी को मिर्जापुर वापस लौटना है।
कैसे पाकिस्तान पहुंचा पुनवासी
मिर्जापुर जिले के देहात कोतवाली अन्तर्गत भरुहना गांव निवासी पुनवासी पुत्र स्व. कन्हैया लाल 11 साल पहले 25 साल की उम्र में 2009 में घर से गायब हो गया था। बताया जाता है कि उसकी शादी पिता की मौत के बाद हुई थी। शादी के दो महीने बाद उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ी और वह अचानक ही कहीं चला गया। काफी तलाश करने के बाद जब वह नहीं मिला तो परिजनों ने भी हताश होकर उसकी तलाश छोड़ दी। 11 साल बाद अचानक गृह मंत्रालय से जिला प्रशासन के पुनवासी के ऐड्रेस वेरिफिकेशन का पत्र आया। जब प्रशासन के लोग घर पहुंचे तब परिवार वालों को पता चला कि पुनवासी जिंदा है और इस समय पाकिस्तान की जेल में बंद है।
सजा पूरी होने के बाद भी काटी जेल
11 साल पहले 2009 में पुनवासी बाॅर्डर पार कर पाकिस्तान चला गया और वहां पकड़ा गया। उसे जेल में डाल दिया गया। सजा पूरी होने के बाद भी उसे जेल काटना पड़ा क्योंकि उसकी राष्ट्रीयता की पुष्टि नहीं हो रही थी। दो साल पहले पाकिस्तान सरकार ने भारतीय विदेश मंत्रालय से संपर्क कर उसके बंद होने की जानकारी दी। खूफिया विभाग ने बीते साल अक्टूबर के महीने में उसकी वापसी के लिये कवायद शुरू की।