मिर्जापुर

कश्मीर के बारामुला में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए यूपी के जवान रवि कुमार सिंह

जम्मू कश्मीर के बारामुला में हुई मुठभेड़ में यूपी के मिर्जापुर निवासी सेना के जवान रवि कुमार सिंह शहीद हो गए हैं। वह आतंकियों की गोली से शहीद हो गए। राष्ट्रीय राइफल के जवान रवि कुमार सिंह की पोस्टिंग कश्मीर में थी। वह अपने मां-बाप की इकलौती संतान थे। उनकी शहादत की खबर सेना के अधिकारियों ने फोन कर परिवार वालों को दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद को श्रद्घांजलि देते हुए उनके परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता व नौकरी का ऐलान किया है।

मिर्जापुरAug 18, 2020 / 10:10 pm

रफतउद्दीन फरीद

मिर्जापुर का जवान कश्मीर में शहीद

मिर्ज़ापुर.

मिर्जापुर जिले की सदर तहसील के जिगना थानांतर्गत गौरा ग़ांव निवासी रवि कुमार सिंह पुत्र संजय सिंह आर्मी की राष्ट्रीय राइफल बटालियन में जम्मू कश्मीर में तैनात थे। मंगलवार को बारामुला में आतंवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में आतंकियों की गोली लगने से वह शहीद हो गए। सैन्य अधिकारियों ने उनकी शहादत के बारे में परिवार को फोन कर बताया, जिसके बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। कहा जा रहा है कि उनका पार्थिव शरीर गुरुवार को उनके गांव पहुंचेगा।

 

शहीद रवि सिंह ने जून 2013 में भारतीय सेना ज्वाइन की थी। दो बहनों में इकलौते भाई रवि की बड़ी बहन रेणु की शादी मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हुई है, जबकि एक बहन कृति की शादी नही हुई है। वही खुद रवि सिंह की शादी 22 जून 2018 को बबुरा के कमलेश सिंह की पुत्री प्रियंका के साथ बड़े धूमधाम से हुईं थी। शहीद रवि की अभी कोई संतान नहीं है। उनकी शहादत की खबर मिलते ही पत्नी प्रियंका, मां रेखा सिंह और पिता संजय का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार के करुण क्रंदन से से माहौल गमगीन हो गया।

 

पिता संजय सिंह कैंसर के मरीज हैं और उनका ईलाज चल रहा हैं, जबकि दादा रणधीर सिंह भी बीमार ही रहते हैं। बहन की शादी से लेकर सभी का इलाज और घर चलाने के लिये इकलौते रवि की कमाई का सहारा था। पड़ोसी इंद्रकुमार सिंह बताते हैं कि रवि बेहद सीधा और होनहार लड़का था। हर किसी को उसकी शहादत पर दुःख है। कुछ दिनों पहले वह छुट्टी लेकर घर आये था। शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंच रहे लोगों की भी आंखें नम हो जा रही हैं। कहा जा रहा है कि उनका पार्थिव शरीर गुरुवार की सुबह पहुंचेगा। परिवार के इकलौते बेटे ने देश की रक्षा के लिये अपने प्राणों की आहुति देकर क्षेत्र और गांव का नाम रोशन कर दिया, लेकिन घर को रोशन करने वाला अकेला चिराग बुझ गया।

By Suresh Singh

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