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यूपी के इन गांवों में नहीं मनायी जाती दिवाली, लोग मनाते हैं शोक, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे

locationमिर्जापुरPublished: Oct 26, 2019 06:09:38 pm

जर हर जगह जलते हैं दिये तो इन गांवों में रहता है अंधेरा, मनता है मातम।

मिर्ज़ापुर. खुशियों का त्योहार दीपावली आते ही हर सब कुछ रोशनी में नहा जाता है और हर कोई उल्लास में डूब जाता है। आप सोचते होंगे कि शायद ही कोई ऐसा होगा जो दीपावली नहीं मनाता होगा। हम आपको ऐसे ही एक गांव के बारे में बताते हैं जहां दीपों का पर्व दीपावली नहीं मनायी जाती। जहां हर ओर दिये जल रहे होते हैं वहीं इन गांवों में स्याह अंधेरा छाया होता है। लोग इसे काले दिन के रूप में मनाते हैं। मिर्जापुर के कुछ गांवों में दीपावली को काले दिन के रूप में मनाने की परम्परा सैकड़ों सालों से चली आ रही है, जिसका निर्वाह गांव के लोग आज भी करते हैं।

मिर्ज़ापुर जिले के राजगढ़ ब्लाक अन्तर्गत अटारी गांव और उसके आस-पास के गांवों के क्षत्रिय चौहान वंश के लोग दीपावली के दिन न तो खुशियों मनाते हैं और न ही घरों में दिया जलाते हैं। बल्कि उस दिन लोग शोक मनाते हैं। गांव में रहने वाले क्षत्रिय खुद को पृथ्वीराज चौहान का वंशज मानते हैं। उनकी मान्यता है कि मुहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान की दीपावली के दिन ही छल से हत्या कर दी थी। उसी के बाद से इस वंश के क्षत्रिय लोग दीपावली नहीं मनाते हैं। यह परम्परा पीढ़ियों से चली आ रही है और आज भी मिर्जापुर के इन गांवों में रहने वाले इस वंश के लोग इसका पूरी तरह से पालन करते हैं।
खुशियां मनाने के बजाय दीपावली के दिन इस गांव के सभी क्षत्रिय एक जगह इकठा हो कर शोक मानते हैं। इस दिन गांव में न तो दिये जलते हैं और न ही सजावट होती है। यहां तक कि बच्चे पटाखे भी नहीं फोड़ते हैं। बता दें कि मिर्जापुर के इस इलाके में चौहान वंश के लोगों की तादाद काफी ज्यादा है। ये लोग इलाके के कई गांव में रहते हैं, जिसमें नक्सल प्रभावित राजगढ़ ब्लाक के अटारी के आलावा विशुनपुरा, लालपुर और मटियारी आदि गांव शामिल हैं।
By Suresh Singh

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