मिर्ज़ापुर जिले के राजगढ़ ब्लाक अन्तर्गत अटारी गांव और उसके आस-पास के गांवों के क्षत्रिय चौहान वंश के लोग दीपावली के दिन न तो खुशियों मनाते हैं और न ही घरों में दिया जलाते हैं। बल्कि उस दिन लोग शोक मनाते हैं। गांव में रहने वाले क्षत्रिय खुद को पृथ्वीराज चौहान का वंशज मानते हैं। उनकी मान्यता है कि मुहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान की दीपावली के दिन ही छल से हत्या कर दी थी। उसी के बाद से इस वंश के क्षत्रिय लोग दीपावली नहीं मनाते हैं। यह परम्परा पीढ़ियों से चली आ रही है और आज भी मिर्जापुर के इन गांवों में रहने वाले इस वंश के लोग इसका पूरी तरह से पालन करते हैं।
खुशियां मनाने के बजाय दीपावली के दिन इस गांव के सभी क्षत्रिय एक जगह इकठा हो कर शोक मानते हैं। इस दिन गांव में न तो दिये जलते हैं और न ही सजावट होती है। यहां तक कि बच्चे पटाखे भी नहीं फोड़ते हैं। बता दें कि मिर्जापुर के इस इलाके में चौहान वंश के लोगों की तादाद काफी ज्यादा है। ये लोग इलाके के कई गांव में रहते हैं, जिसमें नक्सल प्रभावित राजगढ़ ब्लाक के अटारी के आलावा विशुनपुरा, लालपुर और मटियारी आदि गांव शामिल हैं।
By Suresh Singh