scriptहर रोज जान हथेली में रखकर गंगा पार करने को मजबूर लोग | Overload Boat running in ganga river in mirzapur | Patrika News

हर रोज जान हथेली में रखकर गंगा पार करने को मजबूर लोग

locationमिर्जापुरPublished: Nov 16, 2018 04:27:33 pm

Submitted by:

sarveshwari Mishra

नाव पर मोटरसाइकिल और लोगों की वजह से ओबर लोड है

Ganga

Ganga

मिर्ज़ापुर. गंगा पर पिछले 12 वर्षों से बन रहा अधूरे पुल और हर वर्ष बनने वाला पीपा पुल के न बनने की वजह से हर रोज सैकड़ों लोग जिंदगी दाव पर लगा कर गंगा पार होने को मजबूर है। हालत यह है कि छोटे से नाव में एक दर्जन से अधिक मोटर साइकिल और बड़ी संख्या में लोग बैठ कर गंगा पार हो रहे है।क्षमता से अधिक ओबर लोड यह नाव कभी भी हादसे का शिकार हो सकती है। इसे रोकने वाला कोई नही है।सवाल उठता है कि क्या विभागीय अधिकारी अभी भी हादसा होने का इंतजार कर रहे। मिर्ज़ापुर में इन बार शहर मुख्यालय को कछवा बाजार से जोड़ने वाले एक मात्र पीपा पुल का निर्माण नही होने से मुख्यालय आने वाले लोगो की मुसीबत बढ़ गयी है। जिसकी वजह से भटौली गंगा घाट से हर रोज सैकड़ो लोग जिन्हें मुख्यालय आना होता है। उन्हें नाव से जान जोखिम में डाल कर गंगा पार होने के लिए मजबूर है।गंगा घाट पर प्रशासन की तरफ से दो नाव संचालित की जा रही है। जिससे बारी-बारी से सवारियों को इस पर से उस पार पहुचाया जाता है। मगर इन नावों पर क्षमता से अधिक सवारियों को बैठा कर ले जाया जाता है। नाव पर लोगो के साथ-साथ आधा दर्जन से लेकर एक दर्जन मोटसाइकिल लाद कर यह गंगा पार हो रहे है।क्षमता से अधिक ओबर लोड संचालित कि जा रही यह नाव कभी भी हादसे की शिकार बन सकती है।इसकी परवाह किसी को नही है।
जबकि इससे पहले भी कई बार नाव डूबने से यहां हादसा हो चुका है। दरसल, भौतली गंगा घाट के पास समाजवादी पार्टी कि सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने 2006 में गंगा पर पक्का पुल बनवाने का शिलान्यास किया था। मगर उसके बाद हुए विधान सभा चुनाव में सपा हार गयी उनकी सरकार के नही बन पायी। बसपा शासन काल मे मुख्यमंत्री मायावती के समय पूरी तरह से यह पुल उपेक्षित रहा। हालांकि पुनः 2012 में सपा की सरकार पूर्ण बहुमत से बनी मगर फिर भी पुल उनके पांच साल के कार्यकाल में पूरा नही हो पाया।पिछले 12 वर्षो में पुल के निर्माण कि लागत 42 करोङ रूपये से बढ़ कर 103 करोङ रूपये हो गया मगर पुल निर्माणाधीन ही है।हालाकि यह पुल इस समय लगभग तैयार हो चुका है।मगर विभागीय अधिकारियों की सुस्ती की वजह से अभी तक पुल के किनारे पिचिंग का काम पूरा नही किया जा सका है। उम्मीद जताया जा रहा कि दिसंबर तक पुल का निर्माण पूरा हो जाएगा। इसीलिए पुल बनने की उम्मीद में ही हर वर्ष भटौली गंगा घाट पर बनने वाले पीपा पुल बनाने के लिए 25 लाख रुपया प्रदेश सरकार ने नही दिया।दोनो पुल के निर्माण न होने के कारण अब स्थानीय लोगो को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। नाव से गंगा नदी पार करने के लिए गंगा घाट पर पहुचे पेशे से वकील इमरान और अखिलेश का कहना है कि कोई सुनने वाला नही है।हम लोगो को रोज ही मुख्यालय जाना पड़ता है।क्या करे खतरा उठाना मजबूरी है। हालांकि पीडब्लूडी के अधिशासी अभियंता रमेश चंद का कहना है कि आने वाले महीनों में जल्द ही काम पूरा कर पक्का पुल को आम लोगो के लिए चालू कर दिया जाएगा। उनका कहना है कि मिर्जापुर का वाराणसी से जोड़ने के लिए बीच में भटौली पुल प्रारंभ 2006 में हुआ था उस समय उसकी लागत 42. 11 करोड़ थी और इसका वर्ष 2018 में तीसरी बार रिवाइज हुआ 103.35 करोड़ हैं और 2006 से लेकर बीच बीच मे लेकर कभी पैसे मिले कभी नही मिले इस तरह से काम चलता रहा अब जाकर दिसम्बर 2018 में यह कार्य पूरा हो जायेगा सुरक्षा के लिए अलग से 22 करोड़ों मंगा गया हैं इसकी स्वीकृति जुलाई महीने में मिल गई हैं।मगर सवाल उठता है कि अगर इस बीच इस चल रहे ओबर लोड नाव की वजह से कोई हादसा हुआ तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
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