जबकि इससे पहले भी कई बार नाव डूबने से यहां हादसा हो चुका है। दरसल, भौतली गंगा घाट के पास समाजवादी पार्टी कि सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने 2006 में गंगा पर पक्का पुल बनवाने का शिलान्यास किया था। मगर उसके बाद हुए विधान सभा चुनाव में सपा हार गयी उनकी सरकार के नही बन पायी। बसपा शासन काल मे मुख्यमंत्री मायावती के समय पूरी तरह से यह पुल उपेक्षित रहा। हालांकि पुनः 2012 में सपा की सरकार पूर्ण बहुमत से बनी मगर फिर भी पुल उनके पांच साल के कार्यकाल में पूरा नही हो पाया।पिछले 12 वर्षो में पुल के निर्माण कि लागत 42 करोङ रूपये से बढ़ कर 103 करोङ रूपये हो गया मगर पुल निर्माणाधीन ही है।हालाकि यह पुल इस समय लगभग तैयार हो चुका है।मगर विभागीय अधिकारियों की सुस्ती की वजह से अभी तक पुल के किनारे पिचिंग का काम पूरा नही किया जा सका है। उम्मीद जताया जा रहा कि दिसंबर तक पुल का निर्माण पूरा हो जाएगा। इसीलिए पुल बनने की उम्मीद में ही हर वर्ष भटौली गंगा घाट पर बनने वाले पीपा पुल बनाने के लिए 25 लाख रुपया प्रदेश सरकार ने नही दिया।दोनो पुल के निर्माण न होने के कारण अब स्थानीय लोगो को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। नाव से गंगा नदी पार करने के लिए गंगा घाट पर पहुचे पेशे से वकील इमरान और अखिलेश का कहना है कि कोई सुनने वाला नही है।हम लोगो को रोज ही मुख्यालय जाना पड़ता है।क्या करे खतरा उठाना मजबूरी है। हालांकि पीडब्लूडी के अधिशासी अभियंता रमेश चंद का कहना है कि आने वाले महीनों में जल्द ही काम पूरा कर पक्का पुल को आम लोगो के लिए चालू कर दिया जाएगा। उनका कहना है कि मिर्जापुर का वाराणसी से जोड़ने के लिए बीच में भटौली पुल प्रारंभ 2006 में हुआ था उस समय उसकी लागत 42. 11 करोड़ थी और इसका वर्ष 2018 में तीसरी बार रिवाइज हुआ 103.35 करोड़ हैं और 2006 से लेकर बीच बीच मे लेकर कभी पैसे मिले कभी नही मिले इस तरह से काम चलता रहा अब जाकर दिसम्बर 2018 में यह कार्य पूरा हो जायेगा सुरक्षा के लिए अलग से 22 करोड़ों मंगा गया हैं इसकी स्वीकृति जुलाई महीने में मिल गई हैं।मगर सवाल उठता है कि अगर इस बीच इस चल रहे ओबर लोड नाव की वजह से कोई हादसा हुआ तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।