बाणसागर नहर परियोजना 40 साल बाद पूर्ण होकर 15 जुलाई को देश के प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के हाथों इसका लोकार्पण होगा। मगर इस परियोजना से जुड़ा एक अंधविश्वास भी सोसल मीडिया में इन दिनों खूब सुर्खियों में है। चर्चा के अनुसार मध्य प्रदेश के रीवा जनपद में सोन नदी पर बने इस परियोजन कि आधारशीला जनता पार्टी के नेता व तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई ने 1978 में रखा था। मगर अंधविश्वास को सच माने तो 1979 में प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद वह दुबारा भारत के प्रधानमंत्री नहीं बन पाए।
आपात काल के बाद देश के सबसे कद्दावर नेता के तौर पर उभरे मोरार जी देसाई परियोजना का आधार शिला रखने के एक साल के भीतर ही उन्हें पीएम की कुर्सी गवानी पड़ी वह दुबारा कभी भी प्रधानमंत्री नहीं बन पाए। इससे बाद भारतीय राजनीति में उनका प्रभाव भी धीरे-धीरे कम होने लगा। अन्त में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। दूसरा वाकया देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से जोड़ा जा रहा है। जिसमें मध्य प्रदेश में परियोजना का कार्य जून 2006 पूर्ण होने के बाद मध्य प्रदेश कि भाजपा सरकार ने परियोजना का लोकार्पण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के हाथों से 25 सितंबर, 2006 को करवाया। मगर परियोजना के लोकार्पण के बाद वह दुबारा प्रधानमंत्री नहीं बन पाए धीरे-धीरे उन्होंने राजनीति से पूरी तरह संन्यास ले लिया।
राजनेताओं के राजनीती के लिए बाड़सागर परियोजना हमेसा ही कठिन ही साबित हुआ है। अब देखने वाली बात यह होगी कि, बाड़सागर नहर परियोजना का लोकार्पण कर पीएम नरेंद्र मोदी इस अन्धविश्व को तोड़ते हुए दुबारा पीएम पद पर वापसी कर इसे खत्म करते है या नहीं।
INPUT सुरेश सिंह