29 जनवरी को गंगा याता को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मिर्जापुर का दौरा प्रस्तावित है। इसके लिये युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान किसी तरह की कोई लापरवाही न हो और खासतौर से छुट्टा पशु उनके काफिले के रास्ते में न आ जाय इसका खास खयाल रखा जा रहा है। बल्कि यूं कहें कि इसके लिये प्रशासन किसी तरह की कोई चूक नहीं चाहता। इसलिये इस काम की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों को दे दी गयी। इसके लिये बाकायदा विभाग के आला अधिकारी की ओर से एक पत्र भी जारी हुआ। जिसमें नौ अभियंताओं की ड्यूटी लगाते हुए नीचे स्पष्ट रूप से लिखा गया था…
‘उक्त अवर अभियंता अवपे गैंग के साथ दिनांक 29.01.2020 को 8-10 रस्सी लेकर इंगित कार्यस्थल पर उपस्थित रहेंगे। यदि आवारा पशु सड़क पर आएं तो उनको बांधकर रखें, ताकि मा. मुख्यमंत्री जी के आगमन में कोई व्यावधान उत्पन्न न हो।’
जारी होते ही यह आदेश सोशल मीडिया में वायरल हो गया। अदेश के बाद विभाग में भी हड़कम्प मचा तो आनन-फानन में जिला प्रशासन ने आदेश वापस ले लिया। प्रशासन इस मामले में बैकफुट पर सफाई की मुद्रा में आ गया जिलाधिकारी सुशील पटेल का कहना है कि विभागीय अधिकारियों से उन्हें पता चला है कि यह गलती से जारी हो गया था। इसे वापस लिया जा रहा है। वहीं जिन इंजीनियरों की ड्यूटी छुट्टा पशुओं को पकड़ने के लिये लगायी गय, वह इस आदेश से हैरान थे। उध इंजीनियरों की संस्था डिप्लोमा इंजीनियर संघ ने भी अभियंताओं की इस तरह छुट्टा पशुओं की ड्यूटी लगाए जाने पर आपत्ति जतायी है। इसके खिलाफ पत्र भी लिखा है।
Suresh Singh