बतादें कि पूछताछ में गिरफ्तार लोगों ने यह कुबूल किया है कि वे लोग रेल दुर्घटना करके रेल अधिकारियों की साजिश किए थे। इन्होंने जुलाई 2016 –अगस्त 2016 में दो दो बार, दिसम्बर में एक बार और 2017 की जनवरी और फरवरी में एक-एक बार पटरी पर बोल्डर रखकर ट्रेन को पलटाने की साजिश रची थी। लेकिन हर बार रेल कर्मचारियों की सतर्कता के कारण ट्रेन आने से पहले पटरी पर बोल्डर रखे देख लिए गए थे।
नक्सलियों और आतंकवादियों पर था शक आरपीएफ का कहना है कि बार-बार पटरी पर बोल्डर मिलने को लेकर उस समय नक्सलियों और आतंकवादियों पर शक था। लगातार जांच के बाद अब मामला खुला है। चार लोग को गिरफ्तार करने के बाद उनसे हुई पूछताछ के आधार पर कुछ और पकड़े गए रेल कर्मचारियों ने पूछताछ में स्वीकार काया कि अधइकारियों को फंसाने के लिए ट्रेन दुर्घटना कराने की साजिश रची गई थी। आरपीएफ ने पूरे मामले से रेलवे के उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया।
एक बार 2 नवम्बर 2016 को हुई थी राजधानी एक्सप्रेस पलटने की कोशिश यूपी के मिर्जापुर में उस समय बड़ा रेल हादसा होते-होते रह गया था। जिले के गैपुरा रेलवे स्टेशन के पास 2424 डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को पलटने की साजिश को ट्रेन के पायलट ने सतर्कता बरतते हुए नाकाम कर दिया था। विन्ध्याचल के पास गैपुरा स्टेशन पर एक शख्स ने ट्रैक पर लोहे का रॉड रखकर ट्रेन को डीरेल करने की कोशिश की थी। रॉड ट्रेन के इंजन में फंस गया जिसके बाद सतर्कता बरतते हुए चालक ने स्पीड को कण्ट्रोल करते हुए ट्रेन रोक दी।
राजधानी एक्सप्रेस को पलटने की कोशिश तीसरी बार नाकाम हुई है। इससे पहले 5 अगस्त को नटवा के पास राजधानी आने के समय रेलवे ट्रैक पर लोहे का गाटर रखा गया था तथा दूसरी बार राजपुर के पास दोबारा राजधानी को पलटने के लिए ट्रैक पर लोहे का एंगल रखा गया था। दोनों ही बार चालक की सर्तकता से राजधानी पलटने से बच गई। इस घटना के बाद आरपीएफ ने राजधानी को पलटने की कोशिश करने के मामले में अज्ञात के रूप में कटरा कोतवाली में एफआईआर दर्ज करा दी थी।