आरएसएस का यह तीन दिवसीय अभ्यास शिवर मिर्जापुर के विंध्याचल स्थित देवरहवा बाबा आश्रम में आयोजित है। इसके लिये सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गयी है। 28 सितम्बर शुक्रवार से शुरू इस अभ्यास शिवर में काशी प्रांत के साढ़े चार सौ से अधिक स्वयं सेवक व पदाधिकारी शामिल हुए हैं। इसके अलावा कई बड़े पदाधिकारी भी कैम्प का हिस्सा बने हैं। कैम्प में आए संघ के पदाधिकारियों के लिये आश्रम के 35 कमरे बुक किये गए हैं। कैम्प में आरएसएस के सह संघ प्रचारक मुकुंद लाल बड़े पदाधिकारी के रूप में शामिल हैं।
हालांकि आरएसएस और
बीजेपी से जुड़े लोग इस बात से इनकार कर रहे हैं कि इसका चुनाव और उसकी तैयारियों से कोई सरोकार है। उनका कहना है कि यह एक अभ्यास शिवर है जो नए शामिल हुए कार्यकर्ताओं के लिये आयोजित होता हे। इसमें नए स्वयंसेवकों को आरएसएस की रीति और नीति से अवगत कराया जाता है अनुशासन और काम करने के तरीके से परिचित कराया जाता है।
दूसरी ओर सियासी गलियारों में जो चर्चा है उसपर गौर करें तो सपा बसपा के संभावित गठबंधन के बाद बीजेपी के लिये यूपी में 2014 वाली ऐतिहासिक जीत दोहराना मुश्किल हो सकता है। इसकी काट के लिये न सिर्फ भाजपा बल्कि संघ भी लगा हुआ है। ऐसी चर्चा है कि इस कैंम्प में काशी प्रांत व इससे जुड़ी लोकसभा सीटों की चुनावी रणनीति पर भी मंथन होगा। इसके अलावा सपा-बसपा गठबंधन होने की स्थिति में उसकी काट पर भी चर्चा होने की संभावना है।
बताते चलें कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इन दिनों मिशन 2019 में जुट गए हैं। वह लगातार बैठकें कर पूर्वांचल में बीजेपी की जीत पक्की करने की कवायद में जुटे हैं। सभी सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के साथ ही पदाधिकारियों से भी मन मुटाव भूलकर चुनाव की जीत के लिये लग जाने का निर्देश दिया गया है।
By Suresh Singh