इस दिन मां का दर्शन पाने के लिए लोग आधी रात से ही कतारों में हाथ में नारियल, चुनरी लेकर खड़े हैं। घंटा-घडिय़ाल की गूंज से मंदिर में भक्त मां की भक्ति में लीन दिखे। इस बीच मां के जयकारे मंदिर में गूंजते रहे हैं। यहां कई भक्त तो वर्षों से लगातार मां के दरबार में आ रहे हैं। उनका मानना है कि यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना मां जरूर पूरी करती है।
ऐसे करें शैलपुत्री को प्रसन्न
शैलपुत्री को शहद और ब्रह्मचारणी देवी को केला और गुड़हल का पुष्प चढ़ा कर प्रसन्न कर सकते है। विंध्य धाम में मां को ”ओम हैं क्रिन क्रिन” मंत्रो का जाप कर प्रसन्न कर सभी मनोवांछित फलों कि प्राप्ति कर सकते है। वही मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने के लिए आने वाले भक्तों का कहना है कि मां के दर्शन मात्र से सभी मनोकामना पूरी होती है। बिहार के बक्सर से दर्शन के लिए आई मनीषा का कहना है कि वह यहां पिछले छः सालों से आ रही है। अष्टभुजी में रह कर आराधना करती हूं। जौनपुर से मंदिर में दर्शन करने आई भक्त शिया देवी भी बताती हैं। वह पिछले नौ सालों से लगातार विंध्यचाल आ रही है। यही पर रुक कर नौ दिनों तक पूरे परिवार के साथ पाठ करती है। नौ दिनों तक चलने वाले इस नवरात्र में भक्त जहा मां के दरबार में हाजिरी लगा कर अपनी मनोकामना पूर्ण करने की प्राथना करेगे।वही मंदिर आने वाले भक्तो को कोई परेशानी न हो इसके लिए प्रशासन ने भी सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किये है। मेला क्षेत्र को आठ जोन और सोलह सेक्टर में विभाजित किया गया है।पूरा मेला क्षेत सीसीटीवी कि निगरानी में है।मंदिर के पास ही कंट्रोल रूम बनाया गया है।मंदिर के प्रवेश द्वार पर छः मेटलडिटेक्टर लगा कर बकायदे चेकिंग के साथ किसी को अंदर जाने दिया जा रहा है।