जनपद में प्रशासनिक लापरवाही से आने वाले समय मे श्मशान घाट पर लकड़ी की उपलब्धता में परेशानी हो सकती है। दरसल मिर्ज़ापुर शहर के प्रसिद्ध चौबे गंगा घाट पर श्मशान पर सबसे अधिक शवों का दाह संस्कार किया जाता है। श्मशान घाट पर लकड़ी की दुकान चलाने वालों का कहना है कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान उन्हें लकड़ी दुकान तक लाने ले जाने के लिए पास जिला प्रशासन द्वारा जारी नहीं किया गया है। जबकि पिछली बार पास जारी किया गया था।
दुकानदार राजकुमार का कहना है कि अगर पास जारी नहीं होगा तो आने वाले समय मे लकड़ी की उपलब्धता पर इसका असर पड़ेगा।हालांकि अगर वर्तमान समय की बात करें तो लकड़ी की दुकान पर इस समय लकड़ी की कोई कमी नहीं है। लकड़ी के रेट में भी अभी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। पिछले साल की तरह लकड़ी की कीमत अभी भी 600 रूपये प्रति कुंतल बनी हुई है। श्मशान घाट पर दाह संस्कार करने आने वालों को लकड़ी आसानी से बिना किसी परेशानी के मिल जा रही है। पर दुकानदारों का कहना है कि अगर लकड़ी लाने-ले जाने के लिए परमिशन नहीं मिली तो आने वाले समय में पारेशानी हो सकती है।
By Suresh Singh