विरोध कर रहे छात्रों का कहना है थप्पड़ मारने वाले सीओ सदर बृजेश त्रिपाठी कार्रवाई कर पीड़ित छात्र नेता को न्याय दिलाया जाय।सीओ सदर के बर्ताव की निंदा करते हुए छात्रों ने इसे पुलिस की खुले आम गुंडई बताया। कलेट्रेट परिसर में इकठ्ठा हुए छात्रों ने पहले विरोध जताते हुए एसपी कार्यालय पहुंचे।
जहां पर एसपी आशीष तिवारी के वीडियो कांफ्रेंसिंग में होने की सूचना पर छात्र वापस डीएम कार्यालय पहुंच गए पता चला कि जिला अधिकारी विमल दुबे भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बैठे है। इस पर छात्रों ने डीएम ऑफिस के बाहर ही नारेबाजी करने लगे। थोड़ी देर बाद ऑफिस पहुचे डीएम ने छात्रों से मुलाकात कर मामले की जाँच करवाने का आस्वाशन दिया।तब जा कर छात्र माने और विरोध प्रदर्शन वापस लिया।
बतादें कि सोमवार को छात्र नेता कुलदीप अपने साथियों के साथ एक लड़की के गायब होने व मुकदमा दर्ज नही किये जाने के संबंध में फरियाद लेकर एसपी से मिलने पहुचा था। तभी एसपी कार्यालय पर अपनी माँग को लेकर इकठ्ठा होकर विरोध कर रहे महिलाओ के समूह के बीच खड़े छात्र नेता कुलदीप से किसी बात से नाराज हो कर सीओ सदर बृजेश त्रिपाठी ने उसे धक्का देते हुए एसपी कार्यालय के अंदर ले गए इसके बाद थप्पड़ भी मार दिया।दुर्व्यवहार और थप्पड़ खाने के बाद आक्रोशित कुलदीप पहले तो एसपी कार्यालय पर धरने पर बैठ गये।
मगर, इसके बाद एसपी आशीष तिवारी के द्वारा मुकदमा दर्ज करने का आस्वाशन देने व समझाने के बाद मामला रफा दफा हुआ।मगर सीओ सदर का थप्पड़ मारना मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद अब एक बार फिर तूल पकड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। जहां एक तरफ छात्र सीओ सदर पर कार्रवाई कि मांग पर अड़े है तो पुलिस पूरे मामले को टालती हुई नजर आ रही है।फिलहाल देखना होगा कि सीओ सदर पर कोई कारवाई की जाती है। या फिर फरियादियों से अच्छे से पेश आने का प्रदेश के डीजीपी का फरमान सिर्फ कागजी फरमान बन कर रह जाता है।